योजना पर अमल जरूरी
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की देश में लिंग अनुपात में सुधार के लिए बनाई गई योजना निस्संदे
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की देश में लिंग अनुपात में सुधार के लिए बनाई गई योजना निस्संदेह सराहनीय है और इसे हर तरह से आगे बढ़ाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने गत दिवस चंडीगढ़ में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' नाम की इस योजना पर डिप्टी कमिश्नरों के साथ पहली क्षेत्रीय बैठक में यह बताया कि इस योजना के तहत 100 जिलों का चयन किया गया है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इन जिलों में पंजाब के भी कुछ जिलों को प्रमुखता से स्थान दिया गया होगा, जहां लिंग अनुपात की स्थिति बेहद चिंताजनक है। प्रदेश के कई जिलों में तो यह आंकड़ा राष्ट्रीय आंकड़े से भी कम है। इन जिलों में अभी भी बहुत काम करने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कन्या भ्रूण हत्या पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए पीएनडीटी एक्ट को कड़ाई से लागू करने की जरूरत पर जोर दिया है। ऐसा होना भी चाहिए क्योंकि पंजाब में खासतौर से अभी भी सख्ती की आवश्यकता है। यहां कड़े प्रयासों के बावजूद अभी भी कन्या भ्रूण हत्या पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई जा सकी है। चोरी-छिपे अभी भी यह अपराध हो रहा है और कई बार ऐसे मामले पकड़े भी जाते हैं। मेनका गांधी का यह कथन भी उचित ही है कि इस योजना की कामयाबी लोगों की सोच और उनके सामाजिक व्यवहार में बदलाव पर निर्भर करेगी। बेशक इसके लिए प्लान तैयार किया गया है लेकिन जब तक लोग स्वयं जागरूक नहीं होते तब तक किसी भी योजना के सफल होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। जहां तक बात क्षेत्रीय भाषाओं में लघु फिल्में बनाने और उन्हें दूरदर्शन, आल इंडिया रेडियो, एफएम रेडियो व केबल नेटवर्क के जरिए प्रसारित करवाने की है तो इसके लिए कुछ सामग्री पहले भी प्रसारित होती रही है। अब देखना यह होगा कि इस पूरी योजना पर कितनी सतर्कता और पारदर्शिता से अमल किया जाता है और किस प्रकार से इसकी निगरानी की जाती है। पंजाब में तो खास तौर से इस पर ध्यान देना होगा तभी इस कुरीति से बाहर निकला जा सकता है। जनता को भी चाहिए कि वह इसे सफल बनाने में सरकार का साथ दे।
[स्थानीय संपादकीय: पंजाब]