योजनाओं का कार्यान्वयन
कोई भी समाज या राज्य तभी उन्नति की राह पर अग्रसर होता है जब वहां मानव विकास संभव हो। इसके लिए वहां श
कोई भी समाज या राज्य तभी उन्नति की राह पर अग्रसर होता है जब वहां मानव विकास संभव हो। इसके लिए वहां शासन-प्रशासन का पारदर्शी और कर्तव्यपरायण होना जरूरी होता है। सरकार विकास की कई योजनाएं बनाती है लेकिन इनका लाभ तभी संभव होगा जब वे धरातल पर पहुंचेगी। योजनाओं के धरातल पर पहुंचने के लिए सबसे अहम कड़ी सरकारी विभाग होते हैं और अधिकारियों-कर्मचारियों की कर्तव्यपरायणता से ही योजनाएं सफल हो सकती हैं। कई योजनाएं सही कार्यान्वयन न होने के कारण धरातल पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ जाती हैं या उनका पात्रों को कोई लाभ नहीं मिल पाता है। इसका प्रमुख कारण संबंधित विभागों में लक्ष्य आधारित कार्य करने की संस्कृति न होना भी है। शिमला में सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई रिजल्ट फ्रेम डाक्यूमेंट प्रोग्राम की उच्चस्तरीय बैठक में भी ऐसा ही सामने आया है। बैठक में इस वित्त वर्ष के लिए कई लक्ष्य भी प्रस्तावित किए गए। मुख्य सचिव ने विभागों को सात दिन के भीतर लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए व कहा कि उनके परिणाम भी सामने आएं। बैठक में पर्यटन व ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी शामिल नहीं हुए। हो सकता है कि उनके न आने के कुछ कारण रहे हों लेकिन इस तरह की बैठक में अवश्य शामिल होना चाहिए। हिमाचल में गांव में बसता है। यहां की आर्थिकी भी गांव पर ही निर्भर है। पर्यटन उद्योग की इसमें अहम भूमिका है। बैठक में इन दोनों विभागों का शामिल होना बहुत जरूरी है। बैठक में जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, उनके पूरे होने से लोगों को तो लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश का विकास संभव है। सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी है कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। सरकार को इस तरह का भी प्रावधान करना चाहिए कि जो अधिकारी व कर्मचारी तय लक्ष्य को समय पर पूरा करते हैं, उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए। इसके साथ इनकी समय-समय पर समीक्षा भी की जानी चाहिए कि उनके कार्यान्वयन में कहां कमी रही है और और उनकी सफलता के लिए किस तरह के प्रयास किए जाने की जरूरत है। योजनाओं का लाभ लेने वालों को भी जागरूक होना होगा। यदि कहीं कोई कमी नजर आ रही है तो उसे दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों को उससे अवगत करवाएं। सब जागरूक होंगे तो योजनाएं भी फलीभूत होंगी।
[स्थानीय संपादकीय: हिमाचल प्रदेश]
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