जानें, स्वराज अभियान ने केजरीवाल सरकार को किस मुद्दे पर किया बेनकाब?
दिल्ली में तमाम जगहों पर शराब के ठेके को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच एक नया खुलासा हुआ है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में शराब के ठेके को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। स्वराज अभियान संगठन से जुड़े एक कार्यकर्ता ने सूचना का अधिकार (RTI) लगाकर दिल्ली सरकार से शराब नीति से जुड़े कुछ सवाल पूछे थे, जब जवाब आए तो हैरान करने वाले थे।
स्वराज अभियान से जुड़े नेताओंं ने आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगाया है कि सत्ता मेंं आने के बाद वह नशा मुक्त दिल्ली बनाने के अपने चुनावी वादे को पूरी तरह भूल गए हैंं। नशे से प्राप्त राजस्व बीते सवा साल मेंं दो गुना हो गया है। अरविंद केजरीवाल के दोबारा सत्ता मे आने के बाद केवल शराब की बिक्री से 15 अरब से अधिक का राजस्व मिला है।
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स्वराज अभियान पार्टी के निर्माण समिति के संयोजक अजीत झा ने पटेल नगर स्थित पार्टी कार्यालय मे प्रेस वार्ता की। आरटीआइ का हवाला देते हुए बताया कि आप सरकार के पहले कार्यकाल तक राजधानी मेंं ठेकोंं की संख्या 595 थी।
पिछले सवा साल के कार्यकाल के दौरान ही राजधानी मे शराब के 58 नए ठेके खोल दिए गए। पिछले कार्यकाल तक सरकार की शराब के ठेकोंं से आए आठ अरब 30 करोड़ थी। यह बढ़कर 15 अरब तक पहुंच गई है।
इस सरकार की करनी और कथनी मे जमीन आसमान का फर्क है।
जहां एक और सरकार अपने चुनावी वादे मेंं राजधानी को नशा मुक्त बनाने का दावा करती है, वहींं दूसरी और शहर मे धड़ल्ले से नए ठेके खोल रही है। सरकार गैर जरूरी विज्ञापन पर बेतहाशा खर्च कर रही है। आरटीआइ से पता चला कि युवाओं को शराब के दुष्परिणामोंं के प्रति जागरूक करने के लिए सरकार ने विज्ञापन पर बीते सवा साल मेंं केवल 7.76 लाख रुपये ही खर्च किए हैंं।
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स्वराज अभियान से जुड़े अनुपम ने बताया कि स्वराज बिल पास नहींं होने के कारण अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन की अपनी सरकार से इस्तीफा दे दिया था।
गलत स्थान पर खुले इस ठेके को बंद कराने के चौतरफा विरोध के बावजूद भी सरकार इसे हटाने को तैयार नहींं है। 10 अगस्त को शाम चार बजे तक अगर यह ठेका हटाया नहींं गया तो स्वराज अभियान के संस्थापक प्रशांत भूषण स्थानीय लोगोंं के साथ मिलकर ठेके के पास जन सुनवाई करेंंगे।
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