400 करोड़ के टैंकर घोटाले में घिरी शीला ने किया AAP-BJP पर पलटवार
दिल्ली में 400 करोड़ रुपये के टैंकर घोटाले की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) जांच के आदेश बाद पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने चुप्पी तोड़ी है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में 400 करोड़ रुपये के टैंकर घोटाले की एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) जांच के आदेश बाद पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने चुप्पी तोड़ी है। दिल्ली की सत्ता में 15 साल तक राज करने वाली शीला दीक्षित ने कहा कि उन्होंने कुछ ही गलत नहीं किया। यह दिल्ली के लोगों की सेवा है, घोटाला नहीं।
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खरीद में हुआ नियमों का पालन
पूर्व मुख्यमंत्री ने आम आदमी पार्टी व भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां इस मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं। उन्होंने कहा कि टैंकर खरीद में नियमों का पालन किया गया था और आज भी वे टैंकर इस्तेमाल में लाए जा रहे हैं।
यहां पर याद दिला दें कि एक दिन पहले ही उपराज्यपाल नजीब जंग ने एसीबी को 400 करोड़ के टैंकर घोटाले की जांच करने का आदेश दिए थे। इस घोटाले में शीला दीक्षित आरोपी हैं क्योंकि जिस समय पानी सप्लाई के लिए यह टैंकर किराए पर लिए गए थे, उस समय दीक्षित सीएम के साथ-साथ दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष भी थीं।
यह था पूरा मामला
2010-11 के दौरान टैंकर घोटाला सामने आया था। टैंकरों को पानी की सप्लाई के लिए किराए पर लेना था और उनकी सप्लाई वहां होनी थी जहां इलाकों में पाइपलाइन नहीं थी। स्टेनलेस स्टील के 450 टैंकर किराए पर लिए जाने थे। इस काम के लिए सरकार ने 2010 में टेंडर निकाला जिसकी लागत 50.98 करोड़ रुपये रखी गई थी।
2010 का टेंडर रद्द कर अगले डेढ़ साल में चार बार टेंडर निकाले गए और इसकी लागत 50.98 करोड़ से बढ़ा कर 637 करोड़ रुपए कर दी गई। दिसंबर 2011 में 10 साल के लिए टैंकर किराए पर लिए गए।
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