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    हादसों से बचने के लिए रेल इंजन में सफर कर रहे हैं अधिकारी

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Fri, 06 Jan 2017 09:44 PM (IST)

    रेलवे बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दुर्घटना के लिए सीधे तौर पर उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इस आदेश से अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली [जेएनएन]। रेल हादसों से चिंतित रेल प्रशासन ने अधिकारियों को इंजन में सफर करने का आदेश जारी किया है जिससे कि हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके। इसके साथ ही रेलवे लाइन की जांच भी तेज कर दी गई है जिससे कि सर्दी के मौसम में पटरियों में दरार आने का पता लगाकर उसे ठीक किया जा सके। रेलवे बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दुर्घटना के लिए सीधे तौर पर उच्च अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इस आदेश से अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है।

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    कानपुर के नजदीक 28 दिसंबर को हुए रेल हादसे के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने 29 दिसंबर को सभी जोन के महाप्रबंधकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी। उन्होंने रेल हादसों और सिग्नल पार करने की घटनाओं पर चिंता जताते हुए इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए थे। उत्तर रेलवे ने भी रेलवे बोर्ड से मिली गाइड लाइन के अनुसार सभी मंडलों को सख्त आदेश जारी किए हैं।

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    इसके तहत लगातार 10 दिनों तक मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के इंजन में किसी अधिकारी या सुपरवाइजर को सफर करना है। इस पर अमल भी शुरू हो गया है। इंजन में सफर के दौरान अधिकारी यह देखते हैं कि रेल चालक सुरक्षा मानकों का पालन कर रहा हैं या नहीं। इसके साथ ही उसकी परेशानियों की जानकारी भी हासिल की जाती है। इसी तरह से सिग्नल व पटरी में किसी तरह की गड़बड़ी और दुर्घटना के अन्य कारणों का भी पता लगाया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कोई गड़बड़ी पाए जाने पर अधिकारी को इसकी जानकारी एसएमएस के जरिए तुरंत अपने उच्च अधिकारी को देने को कहा गया है जिससे कि समय रहते जरूरी कदम उठाया जा सके।

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    उल्लेखनीय है कि कानपुर के नजदीक 20 नवंबर को भी रेल हादसा हुआ था जिसके बाद पटरियों और कोच की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। अब एक बार फिर से इस तरह का अभियान शुरू किया गया है। मौसम को देखते हुए आगे भी विशेष जांच अभियान की अवधि बढ़ाई जा सकती है क्योंकि दिल्ली सहित कई राज्यों में कोहरे का प्रकोप है।