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    प्रदूषण से निपटने के लिए तैयारी शुरू, हेलीकॉप्टर से होगा पानी का छिड़काव

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Sat, 11 Nov 2017 04:48 PM (IST)

    प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में पानी की बौछार करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार और पवन हंस में बातचीत शुरू हो गई है।

    प्रदूषण से निपटने के लिए तैयारी शुरू, हेलीकॉप्टर से होगा पानी का छिड़काव

    नई दिल्ली [जेएनएन]। राजधानी की आबोहवा को साफ करने के लिए हेलीकॉप्टर से भी पानी का छिड़काव हो सकता है। दिल्ली सरकार की गुजारिश के बाद पवन हंस कंपनी ने हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव करने के लिए सहमति दे दी है। सरकार कैसे और किन इलाकों में कितने समय तक पानी का छिड़काव कराना चाहती है, इसको लेकर आज सचिवालय में बैठक होगी। इसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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    हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव 

    दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने हाल ही में डा. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर कृत्रिम बारिश कराने के लिए केन्द्र सरकार से हेलीकॉप्टर मुहैया कराने में मदद करने का आह्वान किया था। दिल्ली सरकार ने इस काम पर खर्च होने वाली राशि का वहन राज्य सरकार द्वारा करने की पहल करते हुए केन्द्र सरकार से रक्षा मंत्रालय या उड्डयन मंत्रालय से हेलीकॉप्टर मुहैया कराने में मदद की अपील की थी।

    केन्द्रीय समिति ने दिल्ली सरकार की इस कवायद में पयावरण मंत्रालय द्वारा कोई मदद कर पाने में असमर्थता जताते हुए कहा है कि राज्य सरकार यदि चाहे तो अपने स्तर पर यह काम कर सकती है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने पवन हंस से संपर्क किया था। हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव करने पर पवन हंस कंपनी राजी हो गई है। यह जानकारी दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने ट्वीट कर दी।

    पवन हंस की ओर से बताया गया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देश पर बिजली के हाईटेशन तारों की सफाई तथा खेतों में दवाइयों व पानी के छिड़काव के लिए जिस हेलीकॉप्टर का प्रयोग किया जाता है, उससे दिल्ली के ऊपर पानी का छिड़काव किया जा सकता है। इसे कैसे करना है, इस संबंध में विस्तृत बातचीत होनी जरूरी है।

    पानी का छिड़काव करवाने की मांग

    कंपनी ने बैठक के लिए दिल्ली सरकार से उपयुक्त दिन व समय के बारे में जानकारी मांगी है। दिल्ली सरकार ने पिछले दिनों केंद्र सरकार से प्रदूषण नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से पानी का छिड़काव करवाने की मांग की थी। पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली सरकार से कहा था कि यदि आपको ठीक और सस्ता लगता है, तो छिड़काव करा सकते हैं। 

    ऐसे हालात क्यों बने

    इससे पहले दिल्ली में प्रदूषण को लेकर PMO में बैठक हुई। बैठक में पर्यावरण सचिव सीके मिश्रा और सीपीसीबी के चेयरमैन एसपी सिंह परिहार, दिल्ली के मुख्य सचिव एमएम कुट्टी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पहले सीपीसीबी से दिल्ली-एनसीआर के हालात पर विस्तार से जानकारी ली गई। पूछा गया कि अभी तक क्या कदम उठाए गए हैं और आगे की क्या योजना है। यह मुद्दा भी उठा कि जब दिल्ली में पिछले साल भी ऐसा स्मॉग था तो इस बार फिर ऐसे हालात क्यों बने।

    ग्रेप लागू करने में भी हीलाहवाली

    पीएमओ को बताया गया कि 17 अक्टूबर से दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जा चुका है। दो माह से सीपीसीबी की 40 टीमें नियमित तौर पर दिल्ली की ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। यह रिपोर्ट कार्रवाई के लिए रोज दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और हर सप्ताह दिल्ली सरकार एवं उपराज्यपाल को भेजी जाती है। बैठक में यह बात भी सामने आई कि सीपीसीबी की रिपोर्ट पर दिल्ली सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और ग्रेप लागू करने में भी हीलाहवाली हो रही है।

    एयर क्वालिटी इंडेक्स

    शनिवार सुबह दिल्ली के मंदिर मार्ग में एयर क्वालिटी इंडेक्स 326, आनंद विहार में 430, सिरी फोर्ट में 316, द्वारका में 327, शादीपुर में 331 है। दिल्ली में शुक्रवार को भी जहरीले स्मॉग से राहत नहीं मिली। पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का स्तर सामान्य से 9 गुना ज्यादा तक रहा। कई इलाकों में विजिबिलिटी महज 300 मीटर तक रही। 

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