जल्द उठेगा सुनंदा की मौत के रहस्य से पर्दा, खुलेगा होटल लीला का कमरा
अदालत ने कहा था कि होटल सिर्फ इस बात के लिए नुकसान नहीं उठा सकता कि जांच दल मौत की वजह सुनिश्चित नहीं कर पा रही।

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के जिस पांच सितारा होटल लीला पैलेस के कमरा नंबर-345 में पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर मृत पाई गई थीं, उसे जल्द ही खोला जाएगा। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि 16 अक्टूबर तक होटल के कमरे को वापस किया जाए। यह कमरा 14 जनवरी, 2014 से बंद है।
Patiala House Court directs Delhi Police to handover possession of room(where body of Sunanda Pushkar ws found)back to Hotel Leela by Oct 16
— ANI (@ANI) October 10, 2017
होटल प्रबंधन की ओर से दायर याचिका में कोर्ट ने कहा था कि होटल सिर्फ इस बात के लिए नुकसान नहीं उठा सकता कि जांच दल मौत की वजह सुनिश्चित नहीं कर पा रही। अदालत ने होटल की ओर से दाखिल अर्जी पर यह आदेश दिया था।
पुलिस ने सील किया था कमरा
17 जनवरी, 2014 को दक्षिणी दिल्ली के पंचतारा लीला होटल के कमरा नंबर 345 में संदिग्ध परिस्थितियों में सुनंदा पुष्कर की मौत के बाद से ही यह कमरा पुलिस ने सील किया हुआ है। होटल प्रबंधन कमरे को खोलने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से भी गुहार लगा चुका है।
होटल प्रबंधन का कहना है कि कमरा बंद होने की वजह से उसे पिछले तीन साल के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। वहीं, सितंबर महीने में सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने चाणक्यपुरी स्थित पंचतारा लीला होटल के उस कमरे की जांच पड़ताल की थी, जिसमें वह मृत पाई गई थीं।
यह भी पढ़ेंः दिल्ली HC ने सुनंदा पुष्कर मौत की SIT जांच पर पूछा केंद्र का रुख
सेन्ट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसफएल) के पांच सदस्यीय एक दल ने लीला होटल के कमरा नंबर 345 की जांच की थी। इस दौरान फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने जांच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की थी।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर (52) दिल्ली के एक होटल के कमरे में 17 जनवरी, 2014 को मृत पाई गई थीं। पुलिस ने एक जनवरी, 2015 को हत्या का मामला दर्ज किया था। उन्होंने 2010 में शशि थरूर से विवाह किया था।
इसी साल अगस्त महीने में दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच में हो रही देरी पर दिल्ली पुलिस को आड़े हाथ लिया था। सुनवाई में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा था कि जांच में पुलिस की ओर से कोई कोताही नहीं बरती गई है।
उन्होंने दावा किया था कि जांच में देरी व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रिपोर्ट मिलने में देरी की वजह से हुई है। इस पर पीठ ने कहा था कि जांच को देखना या निगरानी करना उचित नहीं होगा, लेकिन अदालत यह निश्चित तौर पर जानना चाहेगी कि जांच अभी किस स्तर पर है। साथ ही, कहा कि जांच में लगने वाले वक्त की एक सीमा होती है, निश्चित तौर पर अनंत नहीं हो सकती।
सुनंदा मर्डर केस की क्रोनॉलॉजी
1.10 अक्टूबर 2014 को मामले की जांच कर रही मेडिकल टीम ने खुलासा किया सुनंदा की मौत जहर देने की हुई।
2.दिल्ली पुलिस ने 6 जनवरी 2015 को सुनंदा की हत्या की एफआइआर दर्ज की।
3. 20 मई 2015 को ट्रायल कोर्ट ने मामले की जांच कर रही टीम को तीन लोगों के लाई-डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति दी थी।
4. सुनंदा की मौत की जांच के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के अफसरों से मुलाकात की और जांच में सहयोग मांगा।
5. नवंबर 2015 में एफबीआई ने सुनंदा की मौत की वजह जहर होने की आशंका को खारिज कर दिया था।
6. सुनंदा की विसरा रिपोर्ट में भी किसी तरह के रेडियोएक्टिव पदार्थ से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।