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जानिए, पूर्वांचल में लोकप्रिय नेता मनोज तिवारी को क्‍यों मिली दिल्‍ली की कमान

दिल्ली में अच्छी खासी संख्या ब्राह्मण मतदाताओं की है। यही वजह है कि कांग्रेस की दिग्गज नेता ने दिल्ली पर एकछत्र 15 सालों तक राज किया।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 30 Nov 2016 03:16 PM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2016 10:31 AM (IST)
जानिए, पूर्वांचल में लोकप्रिय नेता मनोज तिवारी को क्‍यों मिली दिल्‍ली की कमान

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी ने मनोज तिवारी को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया है। सतीश उपाध्याय की जगह भोजपुरी गायक और सांसद मनोज तिवारी को बुधवार को इस पद पर नियुक्ति की घोषणा की गई। हालांकि, सांसद मनोज तिवारी शुरुआत से ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की दौड़ में शामिल थे। वहीं, पवन शर्मा और सांसद महेश गिरी को भी इस पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन बाजी मनोज तिवारी के हाथ ही लगी।

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आइए जानते हैं मनोज तिवारी के दिल्ली भाजपा अध्यक्ष बनने से पार्टी को क्या होगा लाभ?

एक-दिल्ली में अच्छी खासी संख्या ब्राह्मण मतदाताओं की है। यही वजह है कि कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित ने दिल्ली पर एकछत्र 15 सालों तक राज किया। भाजपा की भी ब्राह्मण मतदाताओं पर नजर है।

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दो- दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने में काफी समय है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष बदलने से पार्टी को अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए पर्याप्त वक्त मिलेगा।

तीन-यह जाहिर है कि दिल्ली में पूर्वांचल के मतदाताओं की संख्या ठीक-ठाक है और चुनावों के दौरान ये काफी हद तक निर्णायक साबित होते हैं। ऐसे में यह फैसला भाजपा के हित में ही जाएगा।

पांच- बताया जा रहा है कि 45 साल के मनोज दिल्ली में रह रहे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हैं। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत के साथ ही मनोज तिवारी का कद पार्टी में बढ़ गया था।

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छह- दिल्ली नगर निगम अगले साल होने हैं। ऐसे में मनोज तिवारी को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष बनाने पर सहमति एमसीडी के वार्डों के उपचुनाव से पहले ही बन गई थी, लेकिन उपचुनावों की वजह से प्रदेश अध्यक्ष बदलने के फैसले को टाल दिया गया था।

सात- मनोज तिवारी युवा होने के साथ साफ-सुथरी छवि वाले भी हैं, इसलिए भाजपा दिल्ली में दांव लगाना चाहती थी। यही वजह है कि काफी पहले ही मनोज तिवारी को भाजपा अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया था, जिसका एलान बुधवार को हुआ।

आठ- सांसद बनने के बाद मनोज तिवारी अक्सर अपने क्षेत्र की जनता के साथ दिखते रहे हैं और शायद इस वजह से भी वो पार्टी आलाकमान की पसंद बने हैं।

नौ- भोजपुरी गायक व कलाकार होने का लाभ भी खुद उन्हें और पार्टी को मिलेगा।

दस- बिहार व पू्र्वांचल के रहने वाले युवा इन्हें बहुत पसंद करते हैं।


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