BSP नेता दीपक भारद्वाज की हत्या का मुख्य अभियुक्त प्रतिभानंद गिरफ्तार
दीपक भारद्वाज की साउथ दिल्ली के उनके फार्म हाउस में गोली मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस ने दीपक भारद्वाज के बेटे नितेश भारद्वाज को गिरफ्तार ...और पढ़ें

गाजियाबाद [जेएनएन]। गाजियाबाद पुलिस ने बसपा नेता दीपक भारद्वाज की हत्या के मुख्य अभियुक्त बाबा प्रतिभानंद उर्फ मच्छेंद्र नाथ को गिरफ्तार कर लिया है। चार साल से फरार चल रहे प्रतिभानंद को गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया है। बाबा को पकड़ने के लिए साउथ दिल्ली पुलिस, क्राइम ब्रांच, स्पेशल सेल की टीमें 4 साल से लगी हुई थीं। बाबा पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था।
दीपक भारद्वाज के पास 400 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति थी। 5 करोड़ रुपये में हत्या की सुपारी दीपक भारद्वाज के बेटे ने प्रतिभानंद को दी थी। 26 मार्च, 2013 को दिल्ली में बिजनेसमैन और नेता दीपक भारद्वाज की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
प्रतिभानंद हत्या को अंजाम देने के बाद नेपाल और फिर दूसरे देश भाग गया था। दीपक भारद्वाज की साउथ दिल्ली के उनके फार्म हाउस में गोली मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस ने दीपक भारद्वाज के बेटे नितेश भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। नितेश ने कत्ल की बात भी कबूल की थी।
देता रहा पुलिस को गच्चा
दीपक की हत्या के बाद प्रतिभानंद नेपाल भाग गया था। कुछ समय वहां रहने के बाद वह भारत वापस आ गया। भारत लौटने के बाद बाबा उत्तराखंड के एक आश्रम में रहने लगा और फिर वहां से फिर हिमाचल चला गया। हिमाचल के बाद बाबा हरिद्वार पहुंचा और फिर यहां कुछ दिन रहने के बाद कुरुक्षेत्र और फिर वहां से हस्तिनापुर जाकर एक गुरुद्वारे में कुछ दिन रहा। बीच में वह दिल्ली भी आया लेकिन पुलिस को इसकी भनक नहीं लगी। इस बीच गाजियाबाद पुलिस को कुछ सुराग मिले, इधर दिल्ली पुलिस को भी बाबा की जानकारी मिल गई थी।जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की पकड़ से बाहर था बाबा
दीपक भारद्वाज की हत्या के बाद पुलिस ने 3 शूटरों को गिरफ्तार किया था। दीपक के बेटे को पकड़ा गया और उसका साथ देने के आरोप में वकील को अरेस्ट किया गया। जिसने हथियार दिलवाए और जिसने गाड़ी दिलवाई, उन दोनों को भी अरेस्ट कर लिया गया। इन सब कड़ियों को जोड़ने का आरोपी प्रतिभानंद अब तक पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा लेकिन आखिरकार पुलिस ने बाबा को भी गिरफ्तार कर लिया।
बाबा बनने की कहानी
महाराष्ट्र के एक गांव का रहने वाला महेंद्रनाथ 10 साल की उम्र में घर छोड़कर निकल गया था। वहां से हरिद्वार, ऋषिकेश, हिमाचल आदि जगहों के आश्रम में कई साल रहा और यहीं से महेंद्रनाथ से बाबा मच्छेंद्रनाथ बन गया। उसने अपना नाम बदलकर बाबा प्रतिभानंद भी रख लिया था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक बाबा एक वकील के पास आता जाता था। वहीं दीपक भारद्वाज का बेटा भी आता था। वकील के यहां दोनों की मुलाकात हुई। फिर कहानी आगे बढ़ी और दीपक भारद्वाज की हत्या की प्लानिंग की गई।
फार्म हाउस में हुई दीपक की हत्या
करोड़पति व्यवसायी दीपक भारद्वाज का 2013 में वसंत कुंज के फार्म हाउस में मर्डर हुा था। हाईप्रोफाइल मर्डर मामले में दिल्ली पुलिस की टीम ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से शार्प शूटरों को पकड़ा था। भारद्वाज 2009 के लोकसभा चुनावों में भी सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक रहे थे।
पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी भारद्वाज ने तब अपनी संपत्ति 600 करोड़ रुपये घोषित की थी। 368.22 करोड़ रुपये की खेती की जमीन थी, जबकि पत्नी के पास 100.35 करोड़ रुपये की जमीन बताई गई।
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