JNU: छात्र नजीब के गायब होने के मामले में सामने आई यह महत्वपूर्ण बात
जांच में सामने आया है कि जिस रात माही मांडवी हॉस्टल में नजीब व अन्य छात्रों के बीच हुई मारपीट के बाद शनिवार दोपहर उमर खालिद और अनिर्बान ने उससे मुलाकात की थी।
नई दिल्ली (शैलेंद्र सिंह)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से 15 अक्टूबर (शनिवार) की रात को गुमशुदा हुए छात्र नजीब अहमद के मामले में अब नया मोड़ आ रहा है। कैंपस में इस गुमशुदगी को लेकर जारी जांच में सामने आया है कि शुक्रवार 14 अक्टूबर को माही मांडवी हॉस्टल में नजीब व अन्य छात्रों के बीच हुई मारपीट के बाद शनिवार दोपहर उमर खालिद और अनिर्बान ने उससे मुलाकात की थी।
सूत्र बताते है कि रविवार को हंगामा बरपा तो छात्र आंदोलन में उमर ही सबसे पहले कैंपस का मुख्य द्वार बंद करने पहुंचे थे। हालांकि जांच में जुटे लोग सीधे तौर पर इन दोनों की भूमिका स्वीकार नहीं कर रहे हैं ।
माही-मांडवी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के स्तर पर जब जांच से जुड़े इन तथ्यों की पड़ताल की गई, तो एक छात्र ने बताया कि शुक्रवार को मारपीट की घटना के बाद उमर-अनिर्बान व एक अन्य छात्र ने हॉस्टल में आकर नजीब से मुलाकात की थी।
JNU: छात्र नजीब के मुद्दे पर राजनाथ सिंह के आवास पर होगा प्रदर्शन
इसके बाद शनिवार शाम को एकाएक नजीब गुमशुदा हो गया लेकिन इसके बावजूद अगले तीन दिनों तक उमर व अनिर्बान हॉस्टल में सक्रिय रहे।
इस छात्र का कहना है कि इनकी सक्रियता का आलम यह था कि इस विषय में 15 अक्टूबर की रात जब विवाद को सुलझाने के लिए हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की आम सभा बुलाई गई तो ये दोनों बिना आमंत्रण के वहां देखे गए।
सुरक्षा में तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि कि नजीब की गुमशुदगी के बाद रविवार देर रात छात्र आंदोलित हुए थे। उस समय सबसे पहले उमर अपने एक मित्र के साथ कैंपस के मुख्य गेट के पास बैठा था और जैसे ही कैंपस से आए एक छात्र ने उमर को संदेश दिया तो उसने मुख्य गेट बंद कर दिया था।
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा का कहना है कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि नजीब की गुमशुदगी में इन दोनों का हाथ हो क्योंकि यह दोनों भी इसी तरह से 9 फरवरी की घटना के बाद गायब हो गए थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।