मंडियों की कमेटी गठित करने की फाइल लीक, CM ने LG से पूछा-यह कैसे हुआ
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल कार्यालय पर मुख्यमंत्री को भेजी जाने वाली फाइलों को लीक करने का आरोप लगाया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली की छह प्रमुख मंडियों की कमेटी गठित करने संबंधी फाइल उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली सरकार को लौटाए जाने संबंधी सूचना लीक होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कड़ा एतराज जताया है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर पूछा है कि यह सूचना कैसे लीक हुई।
वहीं, बताया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखकर यह सवाल भी पूछा है कि उपराज्यपाल के कार्यालय से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाने वाले फाइल की कॉपी भाजपा को पहले भेजना कितना उचित है?
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मुख्यमंत्री ने लिखा है कि 14 जून यानी बुधवार को कुछ समाचार पत्रों में विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के हवाले यह खबर छपी है कि मंडियों की कमेटी गठित करने संबंधी फाइल उपराज्यपाल ने लौटा दी है।
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अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि फाइल लौटाने संबंधी जानकारी उन्हें 13 जून की शाम को मिली। इस संदर्भ में उपराज्यपाल के आदेश की प्रति में सिर्फ मुख्यमंत्री को सूचना भेजने की जानकारी थी। बावजूद इसके नेता विपक्ष तक कैसे जानकारी पहुंची यह जांच का विषय है।
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बता दें कि बुधवार की शाम नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसमें सरकार पर मंडियों की कमेटी गठित करने में नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया था।
विजेंद्र गुप्ता का कहना था कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित छह प्रमुख मंडियों की कमेटी में अयोग्य लोगों को शामिल किया गया है, इसलिए उपराज्यपाल को इसे अपनी मंजूरी नहीं देनी चाहिए।
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पिछले दिनों सरकार ने आजादपुर मंडी, केशोपुर मंडी, नरेला अनाज मंडी, गाजीपुर मुर्गा मंडी, गाजीपुर फूल मंडी तथा मछली मंडी की कमेटियों के गठन से संबंधित फाइल बैजल को भेजी थी।
फिर अनियमितता को लेकर नेता विपक्ष ने नौ जून को एलजी को पत्र भी लिखा था। मंडियों की कमेटी भंग करने की सूचना विपक्ष को मिलने पर मुख्यमंत्री ने सवाल उठाए हैं।
विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिशः भाजपा
विजेंद्र गुप्ता1विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस मामले में कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। भाजपा विधायकों को विधानसभा में बोलने नहीं दिया जाता है।
वहीं दिल्ली सरकार में हो रही अनियमितताओं को उजागर करने से रोकने के लिए भी साजिश रची जा रही है। मंडी समितियों के गठन में गड़बड़ी के मामले को विपक्ष ने ही उपराज्यपाल के संज्ञान में लाया था।
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