मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर हो रहा है भ्रष्टाचार, 'आप' ने तोड़े नियम: माकन
कांग्रेस का आरोप है कि मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। माकन ने कहा कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मोहल्ला क्लीनिक स्थापित किए थे। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मोहल्ला क्लीनिक खोलने की फाइल को उपराज्यपाल से मंजूरी तो मिल गई है, लेकिन इस योजना को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार विरोधियों के निशाने पर है। कांग्रेस का आरोप है कि मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन का कहना है कि उपराज्यपाल ने भी कुछ शर्तों के साथ मोहल्ला क्लीनिक चलाने की अनुमति दी है। इससे स्पष्ट है कि उपराज्यपाल भी मान रहे हैं कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है।
माकन फेसबुक लाइव पर मोहल्ला क्लीनिक से जुड़ी जानकारी लोगों से साझा कर रहे थे। उन्होंने दावा किया कि दिल्लीवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कांग्रेस के शासनकाल में कई कदम उठाए गए थे। 'आप' सरकार कांग्रेस के समय उपलब्ध सुविधाओं को बनाए रखने और इसे मजबूत करने के बजाय बगैर किसी अध्ययन और नीति के मोहल्ला क्लीनिक खोलने का फैसला कर लिया। जबकि पहले से नगर निगम व राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की डिस्पेंसरिया मौजूद हैं। अब इन्हें अधिक मजबूत करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बने मोहल्ला क्लीनिक
माकन ने कहा कि 'आप' सरकार ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए 158 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित किए थे, जिसमें से 102 किराये की जगह में चल रहे हैं। किराये की अधिकतर जगह 'आप' नेताओं, कार्यकर्ताओं व उनके रिश्तेदारों से ली गई हैं। उन्हें बाजार से कई गुणा ज्यादा किराया दिया जा रहा है। इन मोहल्ला क्लीनिकों में न पर्याप्त सुविधाएं है और न ही इनमें स्वास्थ्य संबंधी दिशानिर्देश का पालन किया जाता है। इनमें निजी डॉक्टरों को बैठाया गया है, जिन्हें प्रति माह लगभग चार लाख रुपये भुगतान किया जाता है।
भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग
माकन ने यह भी कहा कि दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों में तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर को प्रति माह 70 हजार रुपये मिलते हैं। उन्होंने कहा कि डिस्पेंसरी में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को मोहल्ला क्लीनिक में स्थानांतरित किया जा रहा है। उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक खोलने और इसे चलाने में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने और पैसे वसूलकर सरकार के खजाने में जमा कराने की मांग की है।

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