शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर घिरे CM केजरीवाल, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
दिल्ली नगर निगम चुनाव के बीच शुंगलू कमिटी की रिपोर्ट ने मुख्यमंंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली नगर निगम चुनाव के बीच शुंगलू कमिटी की रिपोर्ट पर एक बार फिर दिल्ली कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घेरा है। गुरुवार को अजय माकन ने दिल्ली सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की है। इतना ही नहीं उन्होंने ऐलान किया है कि दिल्ली कांग्रेस यहां के सभी 272 वार्डों पर काला दिवस मनाएगी।
इससे मुख्यमंंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस रिपोर्ट में केजरीवाल पर नियमों की अनदेखी करते हुए अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के आरोप लग रहे हैं। इस रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार के कई फैसलों पर सवाल उठाए गए हैं।
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उऩ्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली की जनता की हरदम उपेक्षा की है। जब दिल्ली डेंगू से कराह रही थी, उस वक्त दिल्ली सरकार के कई मंत्री विदेश भ्रमण कर रहे थे। उन्हें दिल्ली की जनता की परवाह नहीं थी।
माकन ने आगे कहा कि कायदे से नैतिकता के आधार पर अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक केजरीवाल को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को लेकर केजरीवाल पर हमला बोलते हुए पत्रकार वार्ता में अजय माकन ने कहा कि कांंग्रेस कार्यकर्ता कल सभी 272 वार्डों में काला दिवस मनाएंगे।
अजय माकन की पत्रकार वार्ता की खास बातें
- पिछले दो साल में केजरीवाल ने झूठ बोलने के अलावा और कुछ नहीं किया।
- शुंगलू कमेटी ने 404 फाइलों की जांच की। हमने शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है।
- 269 पन्नों की रिपोर्ट है जो आरटीआई के जरिए मिली है।
- रिपोर्ट में केजरीवाल पर बहुत गंभीर आरोप हैं। जमीन आवंटन, नौकरियों में भाई-भतीजावाद, बिना सरकारी अनुमति के विदेशी दौरे में भी अनियमितता की बात सामने आई है।
- गलत तरीके से मंत्री के घर को पार्टी ऑफिस के तौर पर अलॉट किया गया।
- जब जमीन के पावर ही नहीं तो फिर कैसे एमएलए को जमीन अलाट कर दी।
- अखिलेश पति त्रिपाठी को टाइप 5 बंगाल दिया, निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति भी गलत थी।
- स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की बेटी को पद दिया गया, जो गलत था।
- 42 लोगों को मंत्री के साथ गलत तरीके से लगाया गया। एलजी को कहा कि एक रुपये सेलरी पर नौकरी दी जा रही है, लेकिन चार महीने बाद ही एक लाख 15 हजार रुपये सेलरी फिक्स की गई और एरियर भी दिया गया।
-18 महीने में 24 विदेशी दौरे और सभी बिना अनुमति के किए गए। सीबीआइ इसकी जांच करे।
-केजरीवाल सरकार ने टैक्स दाताओं के पैसा का नुकसान किया और अपने लोगों को फायदा पहुंचाया।
-बगैर किसी प्रक्रिया के केजरीवाल सरकार ने अपने लोगों को नौकरी दी।
- बगैर सरकारी इजाजत के फॉरेन टूर किए गए।
- केजरीवाल ने अपनी साली के दामाद को सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर बनाया और एक ही दिन में हेल्थ मिनिसट्री ट्रांस्फर कर दिया।
गौरतलब है कि पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक वीके शुंगलू की अध्यक्षता वाली कमिटी ने केजरीवाल सरकार के फैसलों से जुड़ी 404 फाइलों की जांच कर इनमें संवैधानिक प्रावधानों के अलावा प्रशासनिक प्रक्रिया संबंधी नियमों की अनदेखी करने की बात कही है। सरकार के मुख्य सचिव, विधि एवं वित्त सचिव सहित अन्य अहम विभागीय सचिवों को तलब कर सरकार के इन फैसलों में संबद्ध अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की।