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    पहचान में आया वायरस, दिल्‍ली में अब जानलेवा नहीं होगा डेंगू

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Sat, 12 Aug 2017 07:40 PM (IST)

    एम्स की जांच में यह बात सामने आई है कि इस बार डेंगू टाइप-3 का संक्रमण हो रहा है। इसलिए उम्मीद है कि इस बार डेंगू पिछले सालों की तरह अधिक जानलेवा साबित नहीं होगा।

    पहचान में आया वायरस, दिल्‍ली में अब जानलेवा नहीं होगा डेंगू

    नई दिल्ली [ रणविजय सिंह ] । एम्स के डॉक्टरों ने इस बार दिल्ली में डेंगू के जिस वायरस के कारण संक्रमण फैल रहा है उसकी पहचान कर ली है। एम्स की जांच में यह बात सामने आई है कि इस बार डेंगू टाइप-3 का संक्रमण हो रहा है। इसलिए उम्मीद है कि इस बार डेंगू पिछले सालों की तरह अधिक जानलेवा साबित नहीं होगा।

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    दिल्ली एनसीआर में इस साल डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया व स्वाइन फ्लू इन चार बीमारियों ने एक साथ अटैक किया है। पिछले कुछ दिनों में स्वाइन फ्लू का संक्रमण तेजी से बड़ा है। वहीं डेंगू व चिकनगुनिया का संक्रमण भी बढ़ रहा है। इस बीच बीमारियों से परेशान लोगों के लिए एम्स से कुछ राहत भरी खबर आई है।

    डेंगू के वायरस की पहचान होना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोगों में डेंगू का खौफ अधिक होता है। डेंगू बुखार का नाम सुनकर ही लोगों की धड़कन बढ़ जाती है। इसलिए एम्स के इस दावे से लोग कुछ राहत महसूस कर सकते हैं।

    साथ ही नगर निगम के अधिकारी भी इस बात से थोड़ी राहत महसूस कर सकते हैं। यह देखा गया गया है कि दिल्ली में अक्सर डेंगू टाइप 2 का संक्रमण होता है। इसका संक्रमण होने पर डेंगू बुखार अधिक जानलेवा साबित होता है और मामले भी अधिक आते हैं।

    डेंगू वायरस के चार स्ट्रेन होते हैं। इसमें डेंगू-1, डेंगू-2, डेंगू-3 व डेंगू-4 शामिल है। एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. ललित धर ने कहा कि दिल्ली में वर्ष 1996 में जब पहली बार डेंगू बुखार का संक्रमण हुआ था टाइप-2 वायरस का ही संक्रमण हुआ था। वर्ष 2015 में इस वायरस ने ही कहर बरपाया था। 

    पिछले साल भी चिकनगुनिया के साथ-साथ डेंगू के टाइप 2 का संक्रमण देखा गया था। टाइप 3 का संक्रमण होने पर बीमारी कम फैलती है। डॉ. धर ने कहा कि डेंगू टाइप 3 के संक्रमण से भी परेशानी होती है लेकिन मरीज को रक्तस्राव होने की आशंका कम होती है।

    टाइप-2 में मरीज को रक्तस्राव होने की आशंका अधिक रहती है। इसलिए यह अधिक खतरनाक होता है। उन्होंने कहा कि जब कोई खास तरह के वायरस का संक्रमण अधिक होता है तो शरीर में उसके प्रति प्रतिरोधकता उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में दूसरा वायरस प्रभावी हो जाता है।
     

    दिल्ली में डेंगू के आंकड़े

    वर्ष        कुल मामले     मौत
    2010      6259           8
    2011      2093           8
    2012      2093           4
    2013      5574           6
    2014      995             3
    2015      15867         60
    2016      4431           10
    2017      365 (अब तक)