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    दिल्ली: पिता ने टोका तो सिरफिरे ने नाबालिग बेटियों पर फेंक दिया तेजाब

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Mon, 20 Feb 2017 09:44 AM (IST)

    आरोपी लौटा और दरवाजे के पास खड़ी दोनों लड़कियों पर तेजाब फेंक दिया। तेजाब की कुछ छींटें घर के अंदर बैठे पिता पर भी पड़ीं।

    दिल्ली: पिता ने टोका तो सिरफिरे ने नाबालिग बेटियों पर फेंक दिया तेजाब

    नई दिल्ली [जेएनएन]। शराब पीकर गली में घूम रहे सिरफिरे को एक शख्स ने टोका तो आरोपी ने उसकी दो नाबालिग बेटियों पर तेजाब फेंक दिया। पिता के ऊपर भी तेजाब की कुछ छीटें पड़ीं, जिससे वह भी घायल हो गया। पीड़ित लड़कियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी की पहचान बिहार निवासी रघु मुखिया के रूप में हुई है।

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    तेजाब हमले का शिकार हुई लड़कियों के पिता ने बताया कि शनिवार रात करीब 10 बजे परिवार को एक शादी समारोह में शामिल होना था। घर में लोग तैयारी में जुटे थे। शराब पीकर एक शख्स बार-बार उनके घर के सामने गली से गुजर रहा था और ताकझांक कर रहा था। वह नशे में अनाप-शनाप भी बोल रहा था।

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    बेटियों ने जब यह बात बताई तो शिकायतकर्ता ने शराबी को कहा कि वह ऐसा करना बंद करे और गली से दूर जाए। आरोपी फिर भी नहीं माना। इस दौरान कहासुनी भी हुई, इसके बाद वह शख्स वहां से चला गया। करीब दस मिनट बाद आरोपी लौटा और दरवाजे के पास खड़ी उसकी दोनों लड़कियों पर तेजाब फेंक दिया। तेजाब की कुछ छींटें घर के अंदर बैठे पिता पर भी पड़ीं, जब तक लोग कुछ समझते आरोपी वहां से भाग निकला।

    50 लोगों से पूछताछ के बाद पकड़ा आरोपी

    छानबीन में जुटी पुलिस ने पीड़ित परिवार से आरोपी के हुलिए की जानकारी ली। करीब 50 लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस आरोपी रघु तक पहुंचने में कामयाब हुई। रघु को पीड़ित परिवार के सदस्यों ने पहचान लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है। ख्याला में वह एक फैक्ट्री में काम करता है। जहां स्टील के सामान बनाए जाते हैं। यहां निर्माण के दौरान सामान की धुलाई के लिए तेजाब का इस्तेमाल होता है। रात में कहासुनी के बाद उसने फैक्ट्री से ही तेजाब चुराया था।

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    ऐसा लगा मानो किसी ने जलते हुए अंगारे डाल दिए

    लड़कियों के पिता ने बताया कि जब तेजाब के छीटे शरीर पर पड़े तो ऐसा लगा मानो किसी ने जलते हुए अंगारे शरीर पर डाल दिए हो। तेज जलन से बुरा हाल था। दोनों लड़कियां चीख रहीं थीं। आसपास मौजूद लोग चीख सुनकर इकट्ठा हुए और मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। इसके बाद घायलों को निजी नर्सिंग होम ले जाया गया।

    चिकित्सकों ने हालत को देखकर लड़कियों को सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। लड़कियों के पिता का आरोप है कि सफदरजंग अस्पताल वालों ने इन्हें भर्ती करने के बजाय यह कहा कि वे घर जाएं यहां बिस्तर खाली नहीं है। इसके बाद ये लोग फिर से उसी अस्पताल में दाखिल हुए जहां से इन्हें रेफर किया गया था। इनका यह भी कहना है कि इनके पास इतने पैसे नही हैं कि ये निजी अस्प्ताल का खर्च उठा सकें। उधर, सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एके राय ने बताया कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। हालांकि अस्पताल में तेजाब हमले में घायल हुए मरीजों का खास खयाल रखा जाता है।

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