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    गोवा व पंजाब चुनाव में झटके के बाद MCD चुनाव में AAP बदलेगी रणनीति

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Wed, 15 Mar 2017 07:28 AM (IST)

    AAP के मुताबिक, नोटबंदी की भारी परेशानी के बाद भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को जनता ने समर्थन जरूर दिया है, मगर इसे MCD चुनाव से जोड़कर नहीं ...और पढ़ें

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    गोवा व पंजाब चुनाव में झटके के बाद MCD चुनाव में AAP बदलेगी रणनीति

    नई दिल्ली (जेएनएन)। गोवा और पंजाब में मनमाफिक समर्थन न मिलने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव करेगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि पंजाब और गोवा के मत परिणाम से बड़ा झटका लगा है।

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    पार्टी इससे उबर रही है। वहीं सबसे महत्वपूर्ण है कि एमसीडी चुनाव को लेकर होली के बाद समीक्षा बैठक होगी। बैठक में आने वाले सुझाव के आधार पर रणनीति में बदलाव किया जाएगा। एमसीडी चुनाव पर पार्टी और अधिक ध्यान देगी। पार्टी कुछ अन्य प्रयोग भी कर सकती है।

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    आप नेताओं की मानें तो नोटबंदी की भारी परेशानी के बाद भी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भाजपा को जनता ने समर्थन जरूर दिया है, मगर इसे दिल्ली नगर निगम चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है। निगम चुनाव में स्थानीय मुद्दे हैं। निगम स्तर पर भाजपा फेल है। निगमों में भ्रष्टाचार से जनता परेशान है। मगर चुनाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। इसे देखते हुए अब पार्टी और अधिक सक्रिय होगी।

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    वहीं समीकरण बताते हैं कि दिल्ली में पूर्वाचलियों को भी इस बार साथ लाना पार्टी के लिए कठिन और जरूरी होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में आप ने 12 सीटें दी थीं। लेकिन इस बार पूर्वाचल से संबंध रखने वाले छोटे दल भी निगम चुनाव में दस्तक देने की तैयारी कर रहे हैं।

    इस बारे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की भी दिल्ली में अपने प्रत्याशी उतारने की योजना है। आरजेडी का मानना है कि दिल्ली में पूर्वाचलियों की अच्छी संख्या है। उनके पास विकल्प न होने के कारण वह अन्य दलों के साथ जाती है। इस बार पार्टी सभी 272 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।

    वहीं संभावना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक मित्र नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड भी दिल्ली में अपने उम्मीदवारों को उतारे। पार्टी ने भी तैयारिया शुरू कर दी हैं। उधर आप से जिन लोगों को टिकट नहीं मिला है। वे पार्टी से नाराज हैं। वे पार्टी के विरोध में जा सकते हैं। कुछ नाराज विधायक भी खुलकर विरोध करने लगे हैं। ऐसे में पार्टी को इन सब से भी निपटना चुनौती होगी।