कोहिनूर मसले पर केजरीवाल के मंत्री ने मोदी के मंत्री पर किया हमला
ब्रिटेन से भारत का कोहिनूर हीरा वापस लाने के मामले में केंद्र सरकार की ओर सुप्रीम कोर्ट में दिए बयान पर वह घिर गई है।
नई दिल्ली। ब्रिटेन से भारत का कोहिनूर हीरा वापस लाने के मामले में केंद्र सरकार की ओर सुप्रीम कोर्ट में दिए बयान पर वह घिर गई है। दिल्ली में सत्तासीन केजरीवाल सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने इस पर आज फिर हमला बोला है। इससे पहले सुबह कपिल ने ट्वीट किया कि सरकार अपना बयान वापस ले।
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वहीं, अब शाम को पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा को खत लिखकर अपना हमलावर अंदाज जारी रखा है।
शपथ पत्र देश की भावना के विपरीत
केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में केजरीवाल के मंत्री ने लिखा, 'मैं पत्र यह बताने की लिए लिख रहा हूंं कि आपके मंत्रालय द्वारा दिया गया यह शपथ पत्र न केवल कोहिनूर हीरे से जुड़ी देश की भावना के विपरीत है, बल्कि तथ्यहीन भी है।'
केंद्र सरकार के रुख की आलोचना
'भारत के इतिहास की समझ रखने वाले लोग भी हैरान हैंं कि आखिर क्या कारण है जो अचानक केंद्र सरकार इस बहुमूल्य हीरे पर से देश का हक़ सदा-सदा के लिए ख़त्म करने की जल्दबाजी में है।'
शपथपत्र पर कटघरे में सरकार
'आपकी ही सरकार के कुछ अन्य स्रोत मीडिया में बता रहे हैंं कि कोर्ट में दिया गया शपथ पत्र गलत है व सरकार कोहिनूर हीरे को भारत लाने के लिए प्रतिबद्ध है।'
केंद्र सरकार के लिए स्थिति शर्मनाक
'किसी भी देश की सरकार के लिए ये बड़ी शर्मनाक स्थित है। एक एतिहासिक धरोहर व राष्ट्रीय पहचान के मुद्दे पर सरकार को यहीं नहीं मालूम की उसकी नीति क्या है?'
पूरे देश के साथ धोखा मत कीजिए
खत में उन्होंने आगे लिखा है, 'आपको यह भी बताना चाहता हूंं कि कोहिनूर हीरा ईस्ट इंडिया कंपनी ने किन हालातोंं में हासिल किया? इस पर कई तरह के तथ्य मौजूद हैंं और भारत की जनता व मानती है कि इस को छल व बल पूर्वक लिया गया था। आप कृपया आधिकारिक तौर पर इसे उपहार में दिया गया बताकर पूरे देश के साथ धोखा मत कीजिए।'
'मैं यह चेताना चाहता हूंं कि अनजाने में या जानबूझकर कहीं न कहीं आपकी सरकार देश की विरासत व इतिहास के साथ एक बड़ा धोखा कर रही है। यह किसी भी स्वाभिमानी देश के लोगोंं को मंजूर नहीं होगा।'
'याद रखिये आज पाकिस्तान भी कोहिनूर हीरे पर अपना हक़ जता रहा है और भारत द्वारा हक़ छोड़ने से पाकिस्तान इस हीरे पर अपने हक़ पर ओर जोर देगा।'
'आप इस शपथ पत्र को तुरंत वापस ले व कोहिनूर हीरे के सम्बन्ध में आपकी सरकार की क्या नीति है इस बारे में देश को विश्वास में ले।'
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोहिनूर हीरे के मुद्दे पर पलटी मारते हुए कहा था कि वह बेशकीमती हीरे को वापस लाने के लिए पूरी कोशिश करेगी। हालांकि इससे पहले उसने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि इसे ब्रिटिश शासकों द्वारा 'न तो चुराया गया था और न ही जबरन छीना' गया था, बल्कि पंजाब के शासकों ने इसे दिया था।
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