Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हुए उमर खालिद व अनिर्बान

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 18 Mar 2016 09:35 PM (IST)

    देशद्रोह मामले में आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान को 25 हजार के निजि मुचलके पर पटियाला हाउस कोर्ट से 6 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। जमानत मिलने को बाद दोनों की जेल से रिहाई हो गई है।

    नई दिल्ली। देशद्रोह मामले में आरोपी उमर खालिद और अनिर्बान को 25 हजार के निजि मुचलके पर पटियाला हाउस कोर्ट से 6 महीने की अंतरिम जमानत मिल गई है। जमानत मिलने को बाद दोनों की जेल से रिहाई हो गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोर्ट ने खारिज किया दिल्ली पुलिस का दावा

    जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि अंतरिम जमानत अवधि में अनिर्बान और उमर खालिद बिना कोर्ट की इजाजत लिए दिल्ली से बाहर नहीं जाएंगे। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि कन्हैया कुमार का मामला उमर और अनिर्बान से अलग है। लिहाजा इन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए।

    अब तक नहीं मिले ठोस सबूत

    देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार उमर खालिद और अनिर्बान ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि जांच एजेंसियों को अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। साथ ही कन्हैया को जमानत मिल चुकी है, लिहाजा उन्हें ज़मानत दी जाए।

    JNU में उमर व अनिर्बान के हॉस्टल से मिले लैपटॉप, सबूत मिलने की आस

    आरोप है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए कार्यक्रम की रूपरेखा उमर खालिद ने तैयार की थी। यह खुलासा पुलिस के सामने जेनएयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने किया था।

    यह बात भी सामने आई है कि भारत के टुकड़े करने और अफजल गुरु की शहादत के नारे भी कश्मीर से आए युवकों ने ही लगाए थे। सूत्रों के मुताबिक 7 फरवरी को जेएनयू परिसर में 10 कश्मीरी युवक आए थे। उमर खालिद ने महीनों तक इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई थी।

    JNU विवाद: उमर खालिद व अनिर्बान ने कुबूला कि लगाए थे देश विरोधी नारे

    गौरतलब है कि कश्मीरी युवकों के घुसने के ठीक दो दिन बाद जेएनयू में बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। छात्रों के एक समूह ने अफजल और मकबूल भट की फांसी को न्यायिक हत्या करार दिया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कई देशद्रोही नारे भी लगाए।