JNU विवादः 'देशद्रोही' छात्रों के दो गुट बने, दिल्ली पुलिस को मिली राहत
पुलिस अधिकारी का कहना है कि अगर ये तीनों सरकारी गवाह बन जाएंगे तो केस और मजबूत हो जाएगा। पुलिस को पर्याप्त सुबूत जुटाने व कोर्ट मे पेश करने मे आसानी होगी। उनके बयान कोर्ट मे दर्ज करा दिए जाएंगे।
नई दिल्ली (राकेश कुमार सिंह)। देशद्रोह के आरोपी जेएनयू के पांच छात्रो के बीच दो गुट बनते दिख रहे है। दिल्ली पुलिस की माने तो मंगलवार सुबह तक पांचों छात्र एकजुट थे, लेकिन उसके बाद तीन छात्र अनंत प्रकाश, आशुतोष व रामा नागा धरनास्थल प्रशासनिक भवन से हटकर अपने-अपने छात्रावास चले गए है।
माना जा रहा है कि पुलिस की सख्ती को देखते हुए उन्हे एहसास हो रहा हो कि कही उमर व अनिर्बान के चक्कर मे उनका कॅरियर भी तबाह न हो जाए। हो सकता है कि वह दिल्ली पुलिस के सरकारी गवाह बन जाएं, तभी वह सजा से बच सकेंगे।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि अगर ये तीनों सरकारी गवाह बन जाएंगे तो केस और मजबूत हो जाएगा। पुलिस को पर्याप्त सुबूत जुटाने व कोर्ट मे पेश करने मे आसानी होगी। उनके बयान कोर्ट मे दर्ज करा दिए जाएंगे।
कन्हैया की गिरफ्तारी के बाद 11 आरोपी जेएनयू छोड़कर भूमिगत हो गए थे।
रविवार देर रात उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, अनंत प्रकाश, आशुतोष कुमार व रामा नागा अचानक जेएनयू कैपस मे प्रशासनिक भवन के पास पहुंचे। सभी ने खुद को बेगुनाह बताया था। रविवार रात से सोमवार व रातभर पांचो प्रशासनिक भवन मे ही डटे रहे।
उनकी सुरक्षा मे जेएनयू के निजी सुरक्षा गार्ड व समर्थक छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। मंगलवार सुबह अनंत प्रकाश, रामा नागा व आशुतोष कुमार वहां से हट गए। बताया जा रहा है कि वह उमर खालिद व अनिर्बान भटटचार्य से अगल होना चाह रहे हैं।
धीरे-धीरे जेएनयू के अन्य छात्र भी इन दोनो को अपना समर्थन देने से पीछे हटने लगे हैं। सोमवार रात तक जहां प्रशासनिक भवन पर हमेशा करीब 200 लोगो की भीड़ रहती थी, वही मंगलवार को छात्र-छात्राओ की संख्या 70 तक पहुंच गई।
मंगलवार को जेएनयू छात्रो द्वारा रैली निकालने पर माना जा रहा था कि पांचों आरोपी छात्र भी इसमे शामिल होगे, लेकिन सुबह पहले तीन आरोपी छात्रो के प्रशासनिक भवन से हटने व रैली का ज्यादा असर न होने से कोई भी आरोपी गिरफ्तारी के डर से शामिल नही हुआ। रैली स्थल पर सादे कपड़ों मे पुलिसकर्मी तैनात थे।
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