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    खुलासा: देश विरोधी नारेबाजी में शामिल थे जामिया के भी छात्र

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Thu, 25 Feb 2016 03:52 PM (IST)

    देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्र उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य ने पूछताछ में अहम खुलासे किए है। उन्होंने पुलिस को बताया कि नौ फरवरी की रात संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी पर जेएनयू में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में करीब 15 छात्र-छात्राएं बाहर

    नई दिल्ली। देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्र उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य ने पूछताछ में अहम खुलासे किए है। उन्होंने पुलिस को बताया कि नौ फरवरी की रात संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी पर जेएनयू में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में करीब 15 छात्र-छात्राएं बाहर के शामिल हुए थे। इनमें छह छात्र जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के भी थे, जिनमें दो छात्राएं भी शामिल थीं। कुछ छात्रों की दोनों ने वीडियो देखकर पहचान कर ली है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जिनकी पहचान कर ली गई है, उन्हें आरोपी बनाकर जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दोनों आरोपियो ने देशविरोधी नारे लगाने की बात कबूल कर ली है।

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    पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह भी पता करने की कोशिश की गई कि अफजल की बरसी मनाने का विचार उनके पास कहां से आया। अनिर्बान ने कुबूल किया कि उसी ने कार्यक्रम के लिए बैनर-पोस्टर के इंतजाम किए थे और छात्रों मे बंटवाए थे। उमर के दोस्त रियाज से पूछताछ में पुलिस को पता चला था कि उसने साउंड सिस्टम का इंतजाम किया था और कार्यक्रम के बारे मे जानकारी सोशल मीडिया पर लोड की थी। इसकी पुष्टि उमर और अनिर्बान ने कर दी है।

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    पूछताछ में उन्होंने बताया कि छात्रा बनज्योत्सना लहेरी कार्यक्रम की सहसंयोजक थी। उसने देशविरोधी नारे लगाए थे। पुलिस इसकी सत्यता की जांच करेगी। उसी ने बताया था कि बाहर से करीब 15 छात्र -छात्राएं कार्यक्रम में शरीक होने आए थे। कार्यक्रम में 31 देशविरोधी नारे लगाने संबंधी बात भी दोनों ने कुबूल की है। उमर ने बताया कि वैचारिक मतभेदों के कारण उसने छह साल पहले डीएसयू को छोड़ दिया था।

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    अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के निर्णय को उसका हृदय स्वीकार नहीं कर पा रहा है। अफजल के मामले में कभी भी जेएनयू के छात्रों ने सहयोग नहीं किया और न ही उसने कभी सहयोग लेने की कोशिश की। उमर ने स्वीकार किया कि जेएनयू में अफजल गुरू को फांसी दिए जाने के मसले पर पहले भी कई बार डिबेट कराई गई। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ संबंधी हर तथ्यों से दिल्ली पुलिस गृहमंत्रालय को अवगत करा रही है।