NGO में खुश हैं सेक्स वर्कर की नाबालिग बच्चियां, मां के साथ रहने से किया इन्कार
बच्चियों ने कहा कि वे संगठन के पास खुश हैं और मां के पास वापस नहीं जाना चाहती हैं। चार बच्चियों की उम्र छह से दस वर्ष के बीच है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। सेक्स वर्कर की चार नाबालिग बच्चियों ने मां के साथ रहने से इन्कार कर दिया है। इन लड़कियों ने हाई कोर्ट के समक्ष तर्क रखते हुए कहा कि वे वर्तमान में दिल्ली स्थित एक एनजीओ के पास रह रही हैं और वहीं खुश हैं।
न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति दीपा शर्मा की खंडपीठ इन बच्चियों की मां द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई कर रही है। आंध्र प्रदेश निवासी याची ने आरोप लगाया कि एनजीओ ने उनकी बच्चियों को बंधक बना रखा है और अदालत से उसे बच्चियों को सौंपने का निर्देश दिया जाए।
वहीं, खंडपीठ के समक्ष पेश बच्चियों ने कहा कि वे संगठन के पास खुश हैं और मां के पास वापस नहीं जाना चाहती हैं। अदालत के पूछने पर बच्चियों ने कहा उन्हे यहां बेहतर शिक्षा, गुणवत्ता पूर्ण खाना व पूरी देखभाल हो रही है। चार बच्चियों की उम्र छह से दस वर्ष के बीच है।
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दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने अदालत को बताया कि शुरू में बच्चियों को उनकी मां से मिलने की इजाजत दी गई थी, लेकिन बच्चियों ने वापस जाने से मना कर दिया। इसी के बाद यह याचिका दायर की गई है। उन्होंने कहा ऐसे बच्चों व मानव तस्करी से मुक्त करवाए गए बच्चों को एनजीओ की देखरेख में रखा जाता है और दिल्ली सरकार की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) समय-समय पर वहां का निरीक्षण करती है।
इसके अलावा प्रत्येक बच्चे की प्रगति रिपोर्ट तैयार की जाती है। अदालत ने उनका तर्क सुनने के बाद एनजीओ से कहा था कि वह सीडब्ल्यूसी के समक्ष उक्त चार लड़कियों के बारे मे रिपोर्ट पेश करे। मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी।
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