पकड़ा गया दसवीं पास 'एमबीबीएस डॉक्टर', बड़ी चालाकी से बनाई थी फर्जी डिग्री
आरोपी फर्जी डॉक्टर दवाओं के अतिरिक्त हर मरीज से सौ रुपये फीस लेता था। छोटे ऑपरेशन क्लीनिक में ही कर देता था। ...और पढ़ें

गुरुग्राम [जेएनएन]। पुलिस ने एक नकली डॉक्टर को सलाखों के पीछे भेजा है। आरोपी दसवीं पास है, उसने अपने ही नाम के एक एमबीबीएस डॉक्टर के प्रमाण पत्र इंटरनेट से अपलोड कर उनपर अपनी फोटो लगा अपनी ठगी की दुकान में लगा लिया था। यह भनक असली डॉक्टर को लगी तो उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शनिवार सुबह आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है।
आरोपी रवींद्र (33) मूल रूप से गांव गंगापुर जिला मधेपुरा बिहार का रहने वाला है। यहां पर बसई एंक्लेव पार्ट-टू कॉलोनी में पांच साल से रह रहा था। पहले वह मधेपुरा के एक अस्पताल में सहायक के रूप में कार्य करता था। पांच साल पहले वह गुरुग्राम आ आया था और यहां के एक अस्पताल में नौकरी की। उसकी ड्यूटी ऑपरेशन रूम में रहती थी।
खोल ली ठगी की दुकान
अनुभव लेने के बाद उसने मदनपुरी गली नंबर 12 में केकेआर पॉली क्लीनिक के नाम से अपनी ठगी की दुकान खोल ली। शक नहीं हो इसके लिए उसने अपने नाम के एक डॉक्टर के चिकित्सा प्रमाण पत्र का रजिस्टर नंबर दर्ज कर फर्जी प्रमाण पत्र बना उसमें अपनी फोटो लगा ली थी। दो साल से वह क्लीनिक चला रहा था। दवाओं के अतिरिक्त हर मरीज से सौ रुपये फीस लेता था। छोटे ऑपरेशन क्लीनिक में ही कर देता था।
कई अस्पतालों से संपर्क
आरोपी के संपर्क में कई ऐसे अस्पताल भी थी जहां वह रात में ऑनकॉल आपरेशन में डॉक्टरों की मदद करने के लिए जाता था। कॉलोनी के लोग भी उसे डॉक्टर ही मान रहे थे। पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी के कब्जे से फर्जी मुहर फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट व मेडिकल उपकरणों के साथ अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ चल रही है।

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