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    बीएस बस्सी से केंद्र सरकार नाराज, सूचना आयुक्त के पद से कटा पत्ता!

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 19 Feb 2016 01:45 PM (IST)

    सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी का नाम केंद्रीय सूचना आयुक्त की उस सूची से हटा दिया गया है, जिसमें अगले संभावित उम्मीदवारों का नाम था। ऐसे में तय माना जा रहा है कि बस्सी का अगला सूचना आयुक्त बनना तकरीबन असंभव है।

    नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाने को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी से केंद्र सरकार नाराज है। सरकार को डर है कि अपने भेजे पर्यवेक्षकों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर सुप्रीम कोर्ट कहीं सख्त टिप्पणी न कर दे।

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    वहीं, सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी का नाम केंद्रीय सूचना आयुक्त की उस सूची से हटा दिया गया है, जिसमें अगले संभावित उम्मीदवारों का नाम था। ऐसे में तय माना जा रहा है कि बस्सी का अगला सूचना आयुक्त बनना तकरीबन असंभव है।

    जेएनयू विवाद को सही तरीके से नहीं संभाल पाने की वजह से बस्सी का सरकारी हलकों में भी विरोध हो रहा था।
    इतना ही नहीं, पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी तक बस्सी की मुखालफत कर चुके हैं। कुछ दिन पूर्व ही कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बीएस बस्सी को लेकर सख्त बयान दे चुके हैं।

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    सेवानिवृत्ति के पहले बस्सी के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज के बीच ही आलोक वर्मा के नाम की घोषणा बतौर नए पुलिस आयुक्त की गई। एक हफ्ते पहले ही ऐसा कर गृहमंत्रालय ने अपनी नाराजगी जता दी है। पटियाला हाउस की घटना से देशद्रोह का मुद्दा पीछे छूट गया।

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    गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पटियाला हाउस कोर्ट में पहले दिन मीडिया और कन्हैया के समर्थकों के साथ मारपीट को स्वत:स्फूर्त घटना माना जा सकता है, लेकिन दूसरे दिन के हंगामे पर कोई सफाई स्वीकार नहीं की जा सकती।

    उन्होंने कहा कि हंगामे को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया। मीडिया व कन्हैया समर्थकों से मारपीट के दौरान पुलिस के मूकदर्शक बने रहने से यह संदेश गया कि सरकार ने जानबूझकर ऐसा होने दिया। जबकि यह सही नहीं है।

    हद तो तब हो गई, जब सुप्रीम कोर्ट की ओर भेजे गए पर्यवेक्षकों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया। हिरासत में कन्हैया कुमार से मारपीट की गई। खुद गृह सचिव ने बस्सी को बुलाकर नाराजगी जताई।

    वहीं इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस के नए आयुक्त की फाइल तेजी से घूमने लगी और शाम होते-होते नए पुलिस आयुक्त के रूप में आलोक वर्मा के चयन को सार्वजनिक कर दिया गया।

    वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 29 फरवरी को बस्सी की सेवानिवृत्ति तय है और सामान्य रूप से 25-26 फरवरी को नए पुलिस आयुक्त की घोषणा होती, जबकि इस बार यह घोषणा हफ्ता भर पहले ही हो गई।

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