बुलंदशहर गैंगरेप : बल से नहीं जीते तो छल से किया किशोरी के साथ दुष्कर्म
दुष्कर्म से पहले किशोरी ने बदमाशों के छक्के छूड़ा दिए, लेकिन बदमाशों की एक बात से वह इस कदर सहम गई कि उसने हथियार डाल दिए। आखिर वह कौन सी बात थी, पढ़ें खबर
गाजियाबाद [ जेएनएन ]। बुलंदशहर में मां और बेटी के साथ हुए गैंगरेप की शिकार किशोरी आधे घंटे तक बदमाशों से जूझती रही। वह निडर होकर उनसे लड़ती रही। लेकिन वह तब थक गई जब बदमाशों ने कहा तेरे भाई और पिता को गोली मार देंगे। भाई और पिता की हत्या की बात सुनते ही वह असहाय हो गई। इसके बाद उसने अपने आप को बदमाशों के हवाले कर दिया।
पीडि़त किशोरी ने अपने पिता को बताया कि वह तीन-तीन बदमाशों से अकेली जूझती रही। बदमाश तब तक अपने मिशन में सफल नहीं हुए जब तक वह उनसे संघर्ष करती रही। पिता ने बताया कि उनकी बेटी कराटे का प्रशिक्षण ले रही है। पिता जहां पूरी घटना से आहत हैंं, टूट चुके हैं। वहीं बेटी की बहादूरी को बहुत गर्व से बता रहे हैं।
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कैसे घटित हुई दिल दहला देने वाली वारदात
1- रविवार देर रात पीडि़त परिवार सुबह शाहजहांपुर के लिए रवाना हुआ। गाड़ी में पीडि़ता का पति, पीडि़ता, बेटी, बड़े भाई, उनकी पत्नी, भतीजा कार में सवार थे। जैसे ही गाड़ी एनएच 91 पर पहुंची अचानक कार पर प्रहार किया गया। रात्रि के कारण उन्होंने कार नहीं रोकी। इसी वक्त उनके पीछे बदमाशों की कार भी चल रही थी। इसके बाद फिर कुछ देर बाद कार पर प्रहार किया गया। लेकिन इसके बाद उन्होंने कार रोकी वह चेक करने उतरे तो पाया कि कार पर साइकिल के पीछे वाली गरारी आकर लगी थी।
2- तभी पीछे वाली कार से तीन बदमाश आए और उन्हें गनपॉइंट पर ले लिया। वहीं तीन बदमाश पीछे कार में बैठे थे। फिर दो बदमाशों ने कार में सवार उनके भतीजे और भाई को भी गन पॉइंट पर ले लिया। उसके बाद वह कार को हाइवे की साइड वाली रोड पर ले गए जहां तीनों के हाथ-पैर बांध दिए और खेत में डाल दिया। वहीं अन्य तीन बदमाशों में से एक ने उनकी बेटी और दो ने उनकी वाइफ के साथ रेप किया।
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3- वहीं दूसरे तीन बदमाशों ने तीनों पुरुषों को गनपॉइंट पर रखा और रॉड व सरियों से मारते रहे। करीब तीन घंटे तक वारदात को अंजाम देने के बाद वह उनकी जेब में रखे 25 हजार रुपये कैश और महिलाओं की जूलरी लेकर फरार हो गए। उनके बड़े भाई की वाइफ काफी उम्र की है, ऐसे में बदमाशों ने उनके साथ कुछ किया नहीं मगर उनको धमकाते रहे और चुप रहने को कहा।
4- पीड़ित पिता ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद जब बदमाश फरार हो गए। तब मेरे भतीजे ने किसी तरह उठकर अपने दांतों से मेरे हाथ पर बंधी रस्सी को खोला जिसके बाद मैंने अपने पैर की रस्सी को खोला और बेटी और वाइफ की तरफ भागे। दोनों बदहवास पड़ी हुई थीं।
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5- पीड़ित पिता ने बताया कि वारदात के बाद मैं करीब एक घंटे तक पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन करता रहा मगर किसी ने भी फोन नहीं उठाया। फिर एक रिश्तेदार के जरिए बुलंदशहर के एक आला अधिकारी का नंबर लिया और उन्हें डायरेक्ट फोन किया। इसके बाद जाकर करीब सात मिनट में पुलिस के आला अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे और पूछताछ की।
6- मगर जब पुलिस ने खास ऐक्शन नहीं लिया तो हम देर रात वापस घर लौट आए। रविवार सुबह फिर डीआईजी लक्ष्मी सिंह हमारे घर आईं और परिवार को अपने साथ ले गईं।
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