दिल्लीः इंडोनेशिया और श्रीलंका से भी जुड़े हैं किडनी रैकेट के तार
गिरोह के सदस्य इंडोनेशिया, श्रीलंका और बंगलादेश से लोगों को दिल्ली लाकर किडनी डोनेट करवाते थे।
नई दिल्ली (मुकेश ठाकुर)। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में पर्दाफाश किए गए किडनी रैकेट के तार पड़ोसी देशों से भी जुड़े हैं। गिरोह के सदस्य इंडोनेशिया, श्रीलंका और बंगलादेश से लोगों को दिल्ली लाकर किडनी डोनेट करवाते थे। गिरोह का सरगना टी राजकुमार राव, असीम सिकदर से मिलकर उनके लिए दस्तावेज तैयार कराता था।
गैंग का भंडाफोड़ : 25-30 लाख में बिकती है गरीबों की किडनी, 5 राज्यों में फैला जाल
इसके बाद अपोलो अस्पताल के कर्मचारियों-डॉक्टरों की मिलीभगत से किडनी का प्रत्यारोपण होता था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद अंदाजा लगाया गया था कि इस रैकेट के लोगों की पहुंच तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल तक है।
कमेटी और किडनी प्रत्यारोपित करने वाले डॉक्टरों की बढ़ेगी मुश्किल
दलाल असीम सिकदर से पूछताछ में पता चला कि टी राजकुमार राव पड़ोसी देशों से भी डोनर की व्यवस्था करता था। असीम पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही बांग्लादेश के लोगों से संपर्क कर किडनी दान करने के लिए मोटी रकम देने का लालच देता था।
राजकुमार के एजेंट श्रीलंका और इंडोनेशिया में हैं और उसने चेन्नई और कोयंबटूर में ठिकाना बना रखा है। इस वजह से उसे श्रीलंका और इंडोनेशिया जैसे देशों से डोनर को बुलवाने और भेजने में समस्या नहीं होती है।
असीम और राजकुमार पिछले छह माह में श्रीलंका और इंडोनेशिया के लोगों को दिल्ली लेकर लेकर आए और उनकी किडनी डोनेट करवाई। दोनों देशों के छह और लोगों की किडनी डोनेट करवाने की तैयारी थी। पुलिस को किडनी दान करने वालों और लेने वालों की फाइलें मिली हैं।
इनमें बांग्लादेशी और श्रीलंकाई नागरिक भी शामिल हैं। बृहस्पतिवार को अस्पताल के दो कर्मचारियों आदित्य सिंह और शैलेष सक्सेना को गिरफ्तार किया गया था। आदित्य और शैलेष किडनी प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. संदीप गुलेरिया और अशोक सरीन के निजी सचिव हैं।
पुलिस ने देवाशीष की पत्नी मोमिता मौली को भी पकड़ा था। मोमिता का कहना है कि पति ने उसकी भी किडनी डोनेट करवाई थी। वह अभी एम्स में भर्ती है और उसकी जांच चल रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।