गुरु अन्ना की केजरीवाल को सलाह, सत्ता छोड़कर फिर से करें देशसेवा
अन्ना ने कहा कि अब बाकी पार्टियों और AAP में कोई अंतर नहीं है। मुझे उम्मीद थी कि कुछ अच्छा होगा, क्योंकि केजरीवाल का चरित्र अच्छा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के सेक्स स्कैंडल कांड के बाद पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अन्ना हजारे ने निराशा जताई थी। अब ताजा घटनाक्रम में अन्ना हजारे ने कहा है कि सत्ता में आने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी में जिन लोगों को साथ लिया, उनके कारण केजरीवाल की प्रतिष्ठा को बहुत आघात पहुंचा है। अगर वह जनता का भरोसा फिर से हासिल करना चाहते हैं, तो उन्हें सत्ता छोड़कर फिर से देशसेवा करनी चाहिए।
यहां पर बता दें कि दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री की सेक्स सीडी आने के बाद अन्ना हजारे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कुछ सहयोगी जेल जा रहे हैं, वहीं कुछ धोखाधड़ी में लिप्त हैं। इससे वे काफी आहत हुए हैं। अन्ना ने केजरीवाल के फैसलों पर सवाल उठाया था और पार्टी में शामिल लोगों के आचरण पर एतराज जताया था।
महाराष्ट्र में अपने गांव रालेगढ़ सिद्धि में पत्रकारों से रूबरू होने के दौरान अन्ना हजारेे ने कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे।
AAP के मंत्रियों के खिलाफ ठोस सबूत मिले तो आंदोलन करेंगे
यहां पर याद दिला दें कि आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो केजरीवाल एक समय में अन्ना के सबसे विश्वस्त सहयोगियों में शामिल थे। अन्ना ने कहा कि अगर AAP के मंत्रियों के खिलाफ ठोस सबूत मिलते हैं, तो वह दिल्ली में केजरीवाल के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
केजरीवाल के चरित्र पर किसी तरह का शुबहा नहीं
अपने गांव रालेगांव सिद्धि में अन्ना ने कहा कि उन्हें केजरीवाल के चरित्र पर किसी तरह का शुबहा नहीं है। अन्ना ने कहा कि लेकिन सत्ता में आने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी में जिन लोगों को साथ लिया, उनके कारण केजरीवाल की प्रतिष्ठा को बहुत आघात पहुंचा है।
टिकट के बदले महिलाओं के शोषण की खबरों से दुख हुआ
अन्ना ने फिर कहा है कि AAP पंजाब चुनाव लड़ने जा रही है, लेकिन मतदाता मौजूदा घटनाओं को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लेंगे। अन्ना ने कहा कि पंजाब में चुनावी टिकट के बदले महिलाओं का शारीरिक शोषण किए जाने की बात सामने रखने की खबरें भी काफी दुखद हैं।
AAP-बाकी पार्टियों में कोई अंतर नहीं
अन्ना ने कहा कि अगर केजरीवाल ने अपनी पार्टी में अच्छे चरित्र के लोगों को रखा होता, तो उन्हें ऐसी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता। अब बाकी पार्टियों और AAP में कोई अंतर नहीं है। मुझे उम्मीद थी कि कुछ अच्छा होगा, क्योंकि केजरीवाल का चरित्र अच्छा है।