राष्ट्रपति चुनावः कांग्रेस की चाल से विपक्षी गठबंधन में अलग-थलग पड़े केजरीवाल
कांग्रेस नेताओं की राय है कि आम आदमी पार्टी के चार में से तीन सांसद पहले केजरीवाल के विरोध में हैं। ऐसे में AAP के साथ आने का कुछ ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। अगले महीने की 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्दनेजर अभी से राजनीति तेज हो गई है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन में आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल अलग-थलग पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। जहां एक ओर अरविंद केजरीवाल चुनाव के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सीपीएम प्रमुख सीताराम येचुरी और जदयू नेता शरद यादव से मुलाकात की है। वहीं, कांग्रेस ने गठबंधन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शामिल किए जाने का विरोध किया है।
कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस की चली तो राष्ट्रपति चुनाव के लिए हो रहे गठबंधन में आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अलग थलग पड़ जाएंगे। विरोध के सुर सिर्फ कांग्रेस की ओर से नहीं, बल्कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की ओर से भी उठे हैं।
यह भी पढ़ेंः आम आदमी पार्टी में फिर 'विश्वास' संकट, केजरीवाल को दिखाए बगावती तेवर
अपनी रणनीति के तहत कांग्रेस पार्टी अभी तक इस बात पर कामय है कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने आंदोलन के दिनों में अधिकतर पार्टियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया था। पार्टी का मानना है कि AAP अब खुद को भाजपा से बचाने की कोशिश कर रही है।
कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर दो धड़े सक्रिय हैं, जिनमें एक तरफ सत्ताधारी एनडीए खेमा है तो दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुआई में अधिकतर विपक्षी पार्टियां। यह अलग बात है कि आम आदमी पार्टी इन दोनों ही खेमों में नहीं है। वहीं, कांग्रेस की कोशिश है कि केंद्र के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी गठबंधन में आम आदमी पार्टी का प्रवेश ही नहीं हो।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर यह कहना है कि AAP का
राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर विपक्ष के साथ केजरीवाल की मुलाकात को लेकर AAP नेताओं का कहना है कि विपक्षी राष्ट्रपति उम्मीदवार तय करने के साथ किसानों के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष का साथ देने के लिए पार्टी तैयार है।
AAP का सवाल, SP-बसपा तो हम क्यों नहीं
आम आदमी पार्टी नेताओं का कहना है कि जब तृणमूल और सीपीएम, कांग्रेस, लेफ्ट के साथ धुरविरोधी सपा और बसपा जैसी पार्टियां साथ आ सकती हैं तो हम क्यों नहीं?
केजरीवाल के विरोध के पीछे कांग्रेस का जानें क्या है तर्क
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस नेताओं की राय है कि आम आदमी पार्टी के चार में से तीन सांसद पहले केजरीवाल के विरोध में हैं। ऐसे में AAP के साथ आने का कुछ ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा। दूसरी ओर AAP नेता यह स्पष्ट करने में असफल रहे कि दिल्ली और पंजाब विधानसभा के कितने विधायक उनके खिलाफ हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।