पूर्व बसपा सांसद नरेंद्र कश्यप को अदालत ने सुनाई साढ़े तीन साल की सजा
गाजियाबाद कोर्ट ने बहू की आत्महत्या मामले में बीएसपी के पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप और उनकी पत्नी देवेंद्री देवी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में ...और पढ़ें

गाजियाबाद [जेएनएन]। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 शशि भूषण पांडेय की अदालत ने शनिवार को बसपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य व वर्तमान में भाजपा नेता नरेंद्र कश्यप व उनकी पत्नी देवेंद्री को साढ़े तीन-तीन साल कारावास की सजा सुनाई। पुत्रवधू को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दोनों को सजा के साथ 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
हाई कोर्ट में करेंगे अपील
आर्म्स एक्ट के मामले में पूर्व राज्यसभा सदस्य के बेटे सागर कश्यप को अदालत ने तीन माह के कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा दी। गुरुवार को अदालत आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में सागर को सात साल कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। सागर के खिलाफ दोनों धाराओं में सुनाई गई सजाएं साथ-साथ चलेंगी। कश्यप के अधिवक्ता ने कहा कि फैसले के खिलाफ वह हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला
याद रहे कि छह अप्रैल 2016 को पूर्व राज्यसभा सदस्य की पुत्रवधू हिमांशी की संदिग्ध परिस्थितियों में संजय नगर स्थित आवास पर गोली लगने से मौत हो गई थी। वह बदायूं निवासी बसपा के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हीरालाल कश्यप की बेटी थी। दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। अदालत ने मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने का माना।
इसलिए सुनाया गया साधारण कारावास
नरेंद्र कश्यप के खिलाफ कोई और मुकदमा न होने और देवेंद्री के बीमार होने के चलते अदालत ने दोनों को कठोर कारावास की सजा न सुनाते हुए साधारण कारावास की सजा सुनाई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम अवतार गुप्ता ने बहस के दौरान तीन साल से कम सजा सुनाने की अपील की थी।
कश्यप के खिलाफ पूर्व का आपराधिक रिकार्ड नहीं, पत्नी बीमार
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लोकेश कुमार वर्मा के मुताबिक अदालत में जब सजा पर बहस हो रही थी तो बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने पूर्व राज्यसभा सदस्य के स्वच्छ छवि का होने व कोई आपराधिक रिकॉर्ड न होने और उनकी पत्नी देवेंद्री के कैंसर रोगी होने के चलते कम सजा सुनाने की अपील की थी। इस पर अदालत ने पुलिस से नरेंद्र कश्यप के आपराधिक रिकार्ड और सीएमओ से देवेंद्री की मेडिकल रिपोर्ट तलब की।
मेडिकल जांच के पैनल में तीन डॉक्टर शामिल
एसएचओ कविनगर समरजीत सिंह ने अदालत में पूर्व राज्यसभा सदस्य के खिलाफ और कोई मुकदमा न होने की रिपोर्ट दी। वहीं, सीएमओ की तरफ से पहले एसीएमओ डॉ. आरके यादव पेश हुए और रिपोर्ट दायर की। सुनवाई के दौरान वह रिपोर्ट के बारे में अदालत में स्थिति स्पष्ट नहीं कर सके तो कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के पैनल में शामिल डा. एसएन सिंह को तलब किया। उन्होंने अदालत को देवेंद्री के गर्भाशय में गांठ होने की बात बताई। तभी बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उस गांठ के बारे में डिटेल रिपोर्ट अदालत में पेश की। मेडिकल जांच के पैनल में तीन डॉक्टर शामिल थे। इसमें डॉ. एसएन सिंह, डा. एमके तोमर और आरसी गुप्ता थे।

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