JNU विवाद में बीएस बस्सी का बयान- 'कन्हैया लगा रहा था देशद्रोह के नारे'
जेएनयू विवाद में पुलिस कमिश्नर भीम सेन बस्सी ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि कन्हैया देशद्रोही नारे लगा रहा था। उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस बाबत भाषण भी दे रहा था। हालांकि, अभी जांच जारी है।
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कश्मीर की आजादी और भारत के टुकड़े करने के नारे लगाए जाने के चलते मचे बवाल को लेकर पुलिस कमिश्नर भीम सेन बस्सी ने अहम बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि कन्हैया देशद्रोही नारे लगा रहा था। उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस बाबत भाषण भी दे रहा था। हालांकि, अभी जांच जारी है।
आज जेएनयू कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने छात्र, शिक्षक व कर्मचारियों से कैंपस में शांति कायम करने की अपील की है। उन्हों ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए संवाद सबसे बेहतर विकल्प है।
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छात्रों एवं कर्मियों का वीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन
उधर, इस मामले को लेकर सोमवार को भी जेएनयू के छात्रों एवं कर्मियों ने कुलपति के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। जब से यह मामला चर्चा में आया है तब से छात्रों एवं कर्मचारियों ने वीसी का कई बार घेराव किया है। इसी क्रम में सोमवार को वीसी दफ्तर के बाहर सैंकड़ों छात्रों एवं कर्मियों ने जेएनयू प्रशासन के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट किया।
कुलपति ने कहा कि कैंपस में शांति कायम करने की जिम्मे दारी प्रत्येक सदस्य की है। उन्होंाने कहा कि छात्र अपने शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लें। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय हमेशा से ही विभिन्न मुद्दों पर खुली चर्चा का पक्षधर रहा है, लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि इसका इस्तेमाल देश संविधान व कानून के खिलाफ हो।
कुलपति की ओर से जारी अपील में साफ किया गया है विश्वविद्यालय कैंपस में बीती 9 फरवरी को घटी घटना की कड़ी निंदा करता है और इस मामले की जांच जारी है। कुलपति ने स्पष्ट किया है कि 9 फरवरी को घटी अनुचित घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
कुलपति ने अपनी अपील में कहा कि उस आयोजन के दौरान सामने आएं बयान व नारों पर सवाल उठ रहे है और ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम मिलजुल कर कैम्पस में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में काम करें।
उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल और यहां होने वाली स्वस्थ चर्चा की परंपरा को बचाये रखना भी हमारी जिम्मेदारी है और इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के सभी साझेदार फिर वो शिक्षक, कर्मचारी व छात्र ही क्यों न हो सभी मिलकर कैम्पस के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि मेरी अपील है कि विश्वविद्यालय से जुड़े सभी वर्ग इस घटना से इतर विश्वविद्यालय फिर से उसे पूराने रूप में लाने और स्थिति को सामान्य बनाने की दिशा में प्रयास करें।
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