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    JNU विवाद: सुबूत जुटाने के बाद ही आरोपी छात्र होंगे गिरफ्तार

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Mon, 15 Feb 2016 08:16 AM (IST)

    घटना वाली रात जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था। उसमें अफजल के पोस्टर लगाए गए थे। पोस्टर में अफजल गुरु एवं मकबूल भट्ट को कश्मीर के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला और अफजल की फांसी को

    नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में देश विरोधी हरकत किए जाने के मामले को लेकर दिल्ली पुलिस सख्त हो गई है। पुलिस पहले घटना के दौरान की वीडियो फुटेज देखकर और अन्य तरीके से सुबूत जुटाने में लगी है।

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    पुलिस ने अब तक 36 छात्र-छात्राओं के नाम का पता लगाकर उनकी पहचान कर ली है, जो बीते 9 फरवरी को संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाने और देशद्रोही हरकतें करने में शामिल थे। पुलिस इनकी भूमिका की जांच कर रही है। इनके खिलाफ यदि ठोस सबूत मिलता है तो इनकी गिरफ्तार संभव है।

    बताया जाता है कि उनमें अधिकतर वर्तमान में जेएनयू में पढाई करने वाले छात्र-छात्रएं एवं कुछ पूर्व छात्र-छात्राएं और छात्रसंघ के नेता शामिल हैं। दक्षिण जिला के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पहले पुलिस आरोपी छात्र-छात्राओं के बारे में सबूत जुटाएगी।

    उसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को अबतक जिन 36 छात्र-छात्राओं के नाम का पता चला है।

    ये हैं संदिग्ध नाम

    जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, आशुतोष कुमार, उमर खालिद, अनिरबन भट्टाचार्या, रामा नागा, आनंद प्रकाश, अंजली अनवेश, भवन, कोमल, रियाज, रुबीना, श्वेता राज, दिशा गंजू, चिंटू कुमारी, गीता कुमारी, उमर खालिद, श्रीरूपा भट्टाचार्या, बाना ज्योत्सना लहरी, समर निजाम खान, अमन सिन्हा, अश्वती नायर आदि शामिल हैं। इनमें कुछ छात्र-छात्राएं आइसा और कुछ डीएसयू की हैं।

    जांच से पता चला है कि घटना वाली रात जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था। उसमें अफजल के पोस्टर लगाए गए थे। पोस्टर में अफजल गुरु एवं मकबूल भट्ट को कश्मीर के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला और अफजल की फांसी को भी गलत बताया गया था।

    कश्मीर के हक की लड़ाई के लिए कविता, गाने, लेख और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से विरोध करने के लिए 9 फरवरी को शाम पांच बजे साबरमती ढाबे पर पहुंचने की अपील की गई थी।

    जेएनयू कैंपस में देश विरोधी एवं संविधान विरोधी नारेबाजी की गई थी। कन्हैया कुमार और उमर खालिद 80 से 90 छात्रों के समूह का नेतृत्व कर रहे थे।