देश से निकालो या मांग मानो : संत गोपालदास
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : संत गोपालदास मुनि का कहना है कि यदि उनकी मांग गलत है तो सरकार उन्हें देश से बाहर निकाल दे या फिर उनकी जायज मांगों को मानने के लिए कदम उठाए। संत गोपालदास हरियाणा में गोचरान भूमि से कब्जा हटवाने के लिए 84 दिनों से अनशन कर रहे हैं। तबीयत बिगड़ने के बाद से वह एम्स में भर्ती हैं। बृहस्पतिवार को उनसे मिलने के लिए गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि पहुंचे थे।
गोचरान भूमि को कब्जा से मुक्त कराने तथा गोधन संवर्द्धन के लिए संत गोपालदास मुनि पिछले कई वर्षो से संघर्ष कर रहे हैं। जागरण से बातचीत में उन्होंने बताया कि गोचरान भूमि मुक्त कराने के लिए वह गुजरात में भी आंदोलन कर चुके हैं। आंदोलन के बाद ही गुजरात में गोचरान विकास बोर्ड का गठन किया गया है। हरियाणा में भी हजारों एकड़ गोरान भूमि पर अवैध कब्जा है। उन्होंने कहा कि गोधन व अन्य पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए गोचरान भूमि को मुक्त कराना जरूरी है। इसलिए वह हरियाणा में गोचरान विकास बोर्ड के गठन की मांग कर रहे हैं। मांग जब तक पूरी नहीं होगी तब तक उनका अनशन जारी रहेगा।
गोपालदास ने बताया कि पिछले वर्ष 31 मार्च को उन्होंने प्रधानमंत्री के आवास पर भी प्रदर्शन किया था। उसके बाद दस मई तक वह जंतर-मंतर पर अनशन पर बैठे थे। उन्हें सरकार की ओर से सदन में इस मुद्दे पर चर्चा कराने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। उसके बाद 21 जून से तीन अगस्त तक उन्होंने कुरुक्षेत्र में अनशन किया था। उस समय भी सरकार की ओर से गोचरान भूमि को मुक्त करने की बात कही गई थी, लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ। इसीलिए वह फिर अनशन कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 28 जुलाई को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से उनकी मुलाकात हुई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को स्पष्ट कर दिया है कि जब तक गोचरान विकास बोर्ड बनाने का लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक उनका अनशन जारी रहेगा। यही बात उन्होंने गृह मंत्रालय के प्रतिनिधि को भी कही।
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