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    विश्व कप में होगा तभी बेड़ा पार जब टीम इंडिया करेगी गेंदबाजी में सुधार

    श्रीलंका के पूर्व क्रिकेट कप्तान अर्जुन रणतुंगा को लगता है कि टीम इंडिया की खराब गेंदबाजी उसके विश्व कप खिताब को बरकरार रखने में रोड़ा बन सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाजी बहुत मजबूत है लेकिन मुझे नहीं पता कि उनकी गेंदबाजी इतनी मजबूत है।

    By Edited By: Updated: Fri, 29 Nov 2013 06:25 PM (IST)

    मुंबई। श्रीलंका के पूर्व क्रिकेट कप्तान अर्जुन रणतुंगा को लगता है कि टीम इंडिया की खराब गेंदबाजी उसके विश्व कप खिताब को बरकरार रखने में रोड़ा बन सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाजी बहुत मजबूत है लेकिन मुझे नहीं पता कि उनकी गेंदबाजी इतनी मजबूत है कि वह 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में होने विश्व कप को अपने पास बरकरार रख सकें।

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    श्रीलंका को 1996 विश्व कप दिलाने वाले कप्तान ने यहां उस टीम के 14 सदस्यों द्वारा विल्स रीयल्टर्स के गठन के मौके पर गुरुवार रात कहा कि कई लोगों का कहना है कि नए नियम खेल के लिए अच्छे हैं लेकिन जहां तक मेरा सवाल है, ऐसा नहीं है। आठ से 10 साल के बल्ले अब गेंद नहीं बल्कि बल्ला उठाएंगे। कई लोगों को लगता है कि क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल है लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुपात 50-50 नहीं तो 60-40 होना चाहिए अन्यथा गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं रहेगा। अब मुझे लगता है कि खेल बल्लेबाजों के पक्ष में 95.5 प्रतिशत हो गया है। दुनिया भर में गेंदबाजी का स्तर तेजी से गिरा है। पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के अलावा बाकी देशों में गेंदबाजी का स्तर गिरा है। अधिकांश जगहों पर विकेट भी सपाट है ताकि बल्लेबाजों को मदद मिल सके।

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    रणतुंगा ने कहा कि गेंदबाज टिक नहीं सकेंगे। जूनियर क्रिकेटर भी गेंदबाजी छोड़कर बल्लेबाजी की कोशिश करेंगे। एशिया को भविष्य में काफी दिक्कत आने वाली है। दो नई गेंद के नियम पर उन्होंने कहा कि जब हमने शुरू किया था, तब हम दो गेंदों से खेलते थे लेकिन आखिर में कप्तानों की बैठक में हम आइसीसी को यह समझाने में सफल रहे कि वनडे क्रिकेट में दो गेंदें अच्छी नहीं है और उन्होंने बदलाव कर दिया।

    वहीं श्रीलंका के पूर्व कप्तान सनत जयसूर्या ने कहा कि वह अभी भी एक गेंद अपनाने के पुराने नियम को तरजीह देंगे। उन्होंने कहा कि मैं दो गेंदों के इस्तेमाल से खुश नहीं हूं। मेरी निजी राय है कि एक ही गेंद प्रयोग करनी चाहिए। नए वनडे नियमों से 50 ओवरों के मैच में बल्लेबाज 200 रन आराम से बना सकते हैं। जयसूर्या ने कहा कि नियमों में बदलाव के साथ क्षेत्ररक्षण की पाबंदियां भी बदल गई हैं। पूर्व तेज गेंदबाज चमिंडा वास ने कहा कि गेंदबाजों को खुद को नए नियमों में ढाल लेना चाहिए। तेज गेंदबाजों के लिए अच्छी बात यह है कि अब उन्हें दो नई गेंद मिल रही हैं जिससे वे विकेट ले सकते हैं। वैसे टी-20 के आने से अब वनडे बदल गया है। अधिकांश गेंदबाज इतनी विविधता सीख गए हैं कि अच्छा प्रदर्शन कर पा रहे हैं।

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