'विराट ने धवन को चाकू मारा, फिर उनको बल्लेबाजी के लिए भेज दिया'
अभी कुछ ही दिनों पहले ब्रिस्बेन टेस्ट की हार के बाद भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपने एक बयान से खलबली मचा दी थी। उन्होंने टेस्ट के चौथे दिन ड्रेसिंग रूम में हुए मतभेद और कुछ हलचल की बात कही थी लेकिन आज भी उन्होंने एक ऐसा बयान
मेलबर्न। अभी कुछ ही दिनों पहले ब्रिस्बेन टेस्ट की हार के बाद भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपने एक बयान से खलबली मचा दी थी। उन्होंने टेस्ट के चौथे दिन ड्रेसिंग रूम में हुए मतभेद और कुछ हलचल की बात कही थी लेकिन आज भी उन्होंने एक ऐसा बयान दिया जो उनकी खीझ को दर्शा रहा था। आखिर क्या कहा धौनी ने आइए जानते हैं।
- धौनी का बयानः
कप्तान धौनी ने दूसरे टेस्ट के चौथे दिन ड्रेसिंग रूम में हुई हलचल से जुड़ी तमाम खबरों पर अपनी खीझ कुछ इस प्रकार निकाली। जब उनसे ये पूछा गया कि क्या रवि शास्त्री को कोहली और धवन के बीच में आकर उनका झगड़ा रोकना पड़ा था तो धौनी ने कहा, 'विराट कोहली ने एक चाकू निकाला, फिर शिखर धवन को उससे घायल किया। जब धवन उस चोट से ठीक हुए तो हमने उनको बल्लेबाजी करने के लिए धक्का दे दिया।' ये बोलने के बाद धौनी ने गंभीर अंदाज में कहा, 'ये सब सिर्फ कहानियां हैं। ये सब चीजें अखबार अपनी खबरों को चटपटी बनाने के लिए छाप रहे हैं, शायद इससे उनकी बिक्री ज्यादा होती होगी। मार्वेल और वॉर्नर ब्रदर्स (दो बड़े प्रोडक्शन हाउस) को इन कहानियों को उठाकर एक फिल्म बनानी चाहिए। मुझे नहीं पता कि आखिर ये कहानियां आती कहां से हैं। अगर टीम के किसी सदस्य ने ऐसा कहा है तो ये काफी दिलचस्प होगा अगर आप उसका नाम हमे बता दें, क्योंकि उस सदस्य की कल्पना वाकई गजब है और उस फिल्म बनाने वाली कंपिनयों के साथ काम करना चाहिए। वो हमारे ड्रेसिंग रूम में रहने का हकदार नहीं है। जो भी है, उसने ऐसी बातें की हैं जो कि कभी हुआ ही नहीं। हां, मैंने पहले भी कहा था कि दोनों टेस्ट मैचों में 30-35 मिनटों तक हमने खराब समय का सामना किया जिसकी वजह से हम मैच हारे लेकिन हमारा ड्रेसिंग रूम पहले की तरह ही शांत और शानदार है। जब भी हम विदेशी दौरों पर जाते हैं और विपरीत हालतों का सामना करते हैं तो मीडिया इस पर तमाम चर्चाएं करने लगती है।'
- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 10 सालों पर धौनी की प्रतिक्रियाः
धौनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 10 साल पूरे करने पर कहा, 'पिछले दस सालों में मैंने काफी कुछ सीखा है। कदम जमीन पर ही रखना इनमे से सबसे महत्वपूर्ण था। क्रिकेट में अच्छा-बुरा समय आता जाता रहता है, हां, अगर आप वेस्टइंडीज के पूर्व दिग्गज क्लाइव लॉयड नहीं हैं तो, जिन्होंने अपने 10-12 साल के करियर में हार का मुंह नहीं देखा। आप हर तरह के दौर से गुजरते हुए, कभी कई मैच जीतते हो, तो कभी कई हारते भी हो। आपका फॉर्म भी ऐसे ही रहता है। मैंने पिछले 10 सालों में सब कुछ देख लिया है। ये काफी अच्छा अनुभव रहा है और मुझे पिछले 10 साल जैसे बीते, उससे खुशी है।'