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इस धुरंधर से बचके कंगारुओं, ये इतिहास मत भूलना!

ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे का आगाज कल से राजकोट में टी20 मैच के जरिए हो जाएगा। टीम इंडिया इस एकमात्र टी20 मैच को किसी भी हाल में जीतना चाहेगी ताकि उसके बाद वनडे सीरीज में मजबूत मनोबल के साथ उतरा जा सके। यूं तो इस समय नीली जर्सी में युवा भारतीय टीम का डंका हर जगह बज रहा है, लेकिन जिस एक खिलाड़ी पर र

By Edited By: Published: Wed, 09 Oct 2013 03:06 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2013 10:40 PM (IST)
इस धुरंधर से बचके कंगारुओं, ये इतिहास मत भूलना!

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे का आगाज कल से राजकोट में टी20 मैच के जरिए हो जाएगा। टीम इंडिया इस एकमात्र टी20 मैच को किसी भी हाल में जीतना चाहेगी ताकि उसके बाद वनडे सीरीज में मजबूत मनोबल के साथ उतरा जा सके। यूं तो इस समय नीली जर्सी में युवा भारतीय टीम का डंका हर जगह बज रहा है, लेकिन जिस एक खिलाड़ी पर राजकोट में सभी की नजरें रहेंगी वह हैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे युवराज सिंह। कंगारू टीम के खिलाफ युवराज का इतिहास टी20 और वनडे में इतना दिलचस्प रहा है कि ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का कांपना तय है।

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जूझती फिटनेस और बिगड़ते फॉर्म से पार पाते हुए युवराज सिंह एक बार फिर वापसी को तैयार हैं। कंगारू टीम टी20 और वनडे सीरीज दोनों ही मोर्चे पर इस खिलाड़ी से सतर्क रहना चाहेगी। वे इस बात से वाकिफ होंगे कि युवराज घरेलू क्रिकेट के जरिए धुआंधार लय में लौट चुके हैं और भारतीय जमीन पर उनका बल्ला और तीव्रता से चलेगा।

युवराज ने अब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 4 मैचों में 164 के स्ट्राइक रेट से 110 रन बनाए हैं। जिस दौरान उनका सर्वाधिक स्कोर 70 रनों का रहा। वहीं 279 वनडे मैचों में 36.90 के औसत से 8119 रन बनाने वाले युवी ने वनडे में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 35 मैचों में 30.06 की औसत से 962 रन बनाए हैं। इसमें उनके दो शतक और चार अर्धशतक भी शामिल हैं। जबकि वनडे में कंगारुओं के खिलाफ युवी का सर्वाधिक स्कोर रहा 139 रन का।

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अब आपको बताते हैं उस शानदार इतिहास के बारे में जो कंगारुओं पर युवी के खौफ का कारण बनेगा। 2007 टी20 विश्व कप में जब युवा भारतीय टीम ने खिताब जीता था, तब उस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला हुआ था और वहां युवराज सिंह ने 70 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी व युवी उस मैच में मैन ऑफ द मैच रहे थे। इसके बाद जब भारत ने 2011 विश्व कप जीता तो उसके क्वॉर्टर फाइनल में युवराज के बल्ले का कहर ही था जिसने रिकी पोंटिंग की दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई टीम को पीछे धक्का देते हुए टीम इंडिया को सेमीफाइनल का टिकट दिलाया था। उस मैच में भी युवी ही मैन ऑफ द मैच थे और उन्होंने 65 गेंदों में 57 रनों की शानदार नाबाद पारी खेलते हुए रोमांचक टक्कर में भारत को जीत दिलाई थी। जाहिर है कि इस बार भी कंगारू इस इतिहास को भुलाना नहीं चाहेंगे क्योंकि जब-जब उनकी टीम के खिलाफ युवराज बड़े मुकाबलों में उतरे हैं, तो उनका बल्ला गरजा है, और विरोधी गेंदबाज बस ताकते रहे हैं।

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