जब जोहानिसबर्ग से शिकायत नहीं तो नागपुर से क्यों: अश्विन
तीसरे टेस्ट मैच में छह विकेट ले चुके भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने गुरुवार को भारत की टर्निंग पिचों की आलोचना करने वाले लोगों से सवाल किया कि उन्होंने तब कोई सवाल क्यों नहीं उठाया जब ट्रेंटब्रिज में एशेज टेस्ट लगभग दो दिन में समाप्त हो गया था और
विशेष संवाददाता, नागपुर। तीसरे टेस्ट मैच में छह विकेट ले चुके भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने गुरुवार को भारत की टर्निंग पिचों की आलोचना करने वाले लोगों से सवाल किया कि उन्होंने तब कोई सवाल क्यों नहीं उठाया जब ट्रेंटब्रिज में एशेज टेस्ट लगभग दो दिन में समाप्त हो गया था और जोहानिसबर्ग में दिसंबर, 2013 में हुए मैच के पांचवें दिन भी भी मुझे विकेट से कोई मदद नहीं मिली थी।
दूसरे दिन के खेल के बाद जब अश्विन से पूछा गया कि दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों का स्वागत टर्निंग विकेट से हो रहा है तो उन्होंने कहा, 'मैंने जोहानिसबर्ग (टेस्ट) के बाद शिकायत नहीं की थी। मुझे उसके बाद एक साल के लिए बाहर कर दिया गया था। मैं यहां खेलने को लेकर भी शिकायत दर्ज करने नहीं जा रहा हूं। इसका कोई कारण नजर नहीं आता। मैं आखिर शिकायत क्यों करूं। ट्रेंट ब्रिज में (एशेज टेस्ट) में दो दिन तक स्विंग, सीम और उछाल रही और मैच समाप्त हो गया।'
क्रिकेट की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें
उन्होंने कहा कि स्पिन को खेलने के लिए भी कौशल की जरूरत पड़ती है। आखिर स्पिन और उछाल को लेकर समस्या क्या है। यह अच्छा है कि विकेट में स्पिन और उछाल है। बल्लेबाजों में इससे निपटने के लिए कौशल होना चाहिए। सीरीज में दूसरी बार पांच विकेट लेने वाले अश्विन ने कहा, 'सौभाग्य कहो या दुर्भाग्य, मुझे मैदानकर्मियों को यह कहने का अधिकार नहीं है कि किस तरह की पिच तैयार करने की जरूरत है। एक बार जब वे पिच तैयार कर लेते हैं तो उस पर खेलना मेरा काम होता है।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।