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    श्रावन माह को ले आस्था एवं भक्ति का केंद्र बना हरिहरक्षेत्र

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 15 Jul 2017 07:02 PM (IST)

    वैशाली। देश के चार महाक्षेत्रों में से एक हरिहरक्षेत्र इस समय आस्था और भक्ति का अद्भुत।

    श्रावन माह को ले आस्था एवं भक्ति का केंद्र बना हरिहरक्षेत्र

    वैशाली। देश के चार महाक्षेत्रों में से एक हरिहरक्षेत्र इस समय आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र बना हुआ है। यहां का कोना-कोना इस समय बोलबम तथा हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज रहा है। साल के दो महीने सावन और कार्तिक माह में यह स्थल भक्तों के लिए तीर्थ बन जाता है। इस वर्ष भी सावन शुरू होते ही सोनपुर के पहलेजाघाट धाम में कांवरियों की भीड़ उमड़ने लगी है।

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    शुक्रवार को जहां साधारण कांवरिये मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीबनाथ के लिए अपनी यात्रा प्रारंभ करते हैं। वहीं रविवार को यहां से डाक कावंरिये अपनी यात्रा की शुरुआत करते हैं। डाक और साधारण कांवरिये सोमवार को ही बाबा गरीबनाथ का जलाभिषेक करते हैं। इधर स्थानीय भक्तों का बाबा हरिहरनाथ पर जल अर्पण के लिए सोमवार को भारी भीड़ उमड़ती है। इसके पूर्व दक्षिण वाहिनी गंगा तथा नारायणी नदी के विभिन्न तटों पर अहले सुबह से ही स्नानार्थियों की भीड़ लगी रहती है। इस बार जेपी सेतु के खुल जाने से कांवरियो की संख्या में और अधिक इजाफा होगा। तीसरे व चौथे सोमवारी को शिव भक्तों कर यहां सैलाब उमड़ पड़ता है। यह संख्या तीन से चार लाख तक पहुंच जाती है।

    सपरिवार कांवर लेकर जा रहे मुजफ्फरपुर कुढ़नी के लालदेव प्रसाद ने बताया कि वह पिछले दस वर्षों से लगातार बाल-बच्चों सहित यहां से कांवर लेकर गरीबनाथ के लिए जाते हैं। उनके जलाभिषेक से एक अलग ही तरह का आनंद मिलता है। यह बाबा की ही कृपा है कि परिवार में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं है। वहीं पटना के सुखदेव साह ने कांवर लेकर आगे बढ़ते हुए बताया भगवान शिव में आस्था रखने वालों का कभी अनिष्ट नहीं होता। वे भी यहां गत सात वर्षों से कांवर यात्रा के लिए आ रहे हैं। पहलेजाघाट धाम में इधर चारों तरफ पूजन सामग्री की अनेक दुकानें सजने से मेला जैसा ²श्य बना हुआ है। गंगा तट के कदम-कदम पर कांवरिये अपने कांवर की पूजा संपन्न कराने में लगे हुए हैं।