अनजाने में 'खजाने' के मालिक हो गए वैशाली के ये बाबा, जानिए
वैशाली के चिंतामणपुर गांव निवासी बाबा लक्ष्मणदेव को पुराने सिक्के जमा करने का शौक था, इसी शौक की वजह से आज उनके पास कई दुर्लभ और प्राचीन सिक्कों का अनमोल खजाना है।
वैशाली [जेएनएन]। शौक और जिज्ञासा में किए गए काम कई बार अनूठे हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ वैशाली जिले के पटेढ़ी बेलसर थाना के चिंतामणपुर गांव निवासी बाबा लक्ष्मणदेव के साथ।
उन्हें बचपन में पुराने सिक्के एकत्र करने का जो शौक लगा उसकी बदौलत आज उनके पास कई दुर्लभ और प्राचीन सिक्कों का अनमोल खजाना है। इसे उन्होंने काफी जतन से संजोकर रखा है। इन दुर्लभ सिक्कों को अब वे सरकार को सौंपना चाहते हैं ताकि इन्हें किसी संग्रहालय में सुरक्षित रखा जा सके।
मानते हैं देश की धरोहर :
बाबा लक्ष्मण देव को पढऩा-लिखना थोड़ा बहुत ही आता है, लेकिन उनके प्राचीन सिक्कों की कहानी दिलचस्प है। उन्होंने बताया कि जब वे दस साल के थे तो उन्हें लगा कि प्राचीन सिक्के देश की धरोहर हैं। तबसे वे पुराने सिक्के जुटाने में लग गए।
उन्होंने सिक्के जुटाने के लिए बेमिसाल तरकीब अपनाई। अपने शौक के चलते उन्होंने आइसक्रीम बेची, रिक्शा चलाया और मेहनताने के रूप में लोगों से पुरानी मुद्राएं मांगी। उनके जुनून के कारण आज उनके पास काफी प्राचीन सिक्के जमा हो गए हैं ।
कई बार गुंडों ने किया लूटने का प्रयास :
चिंतामणपुर चौक पर बाबा लक्ष्मणदास की चाय की छोटी सी दुकान है। उन्होंने बताया कि कई बार गुंडों ने इन सिक्कों को लूटने का प्रयास किया। घर भी ऐसा नहीं है जहां वे इन सिक्कों को सुरक्षित रख सकें।
उन्होंने दैनिक जागरण में छपी एक खबर को दिखाते हुए बताया कि अमेरिका में एक प्राचीन पेनी (आज का सेंट) यानी डॉलर के सौवें हिस्से की नीलामी 7 करोड़ 20 लाख में हुई थी। बाबा ने कहा कि उसी प्रकार ये पुराने सिक्के हमारे देश की अमूल्य धरोहर है। उन्हें रुपए-पैसे नहीं चाहिए। वे सरकार को इसे देकर सुरक्षित किसी संग्रहालय में रखवाना चाहते हैं।
अनमोल सिक्के जो हैं बाबा के पास :
बाबा लक्षमण देव के पास सन 1932 का आधा आना,
1948 का महात्मा गांधी के चित्र वाले 20 पैसे के पांच सिक्के,
1946 के ब्रिटिश मुहर वाला दो आना,
- 1951 का एक पैसा
- 1968 से 1970 में जारी कमल के फूल के निशान वाले 14 सिक्के
इसके अलावा बाबा के पास कई अन्य देशों के प्राचीन और दुर्लभ सिक्के भी हैं। बाबा के हर प्राचीन सिक्के की एक अपनी खासियत भी है।
किसे और क्यों देना चाहते हैं
- 1946 का दो आना :
यह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्मवर्ष है इसलिए वे उन्हें देना चाहते हैं।
- 1951 का एक पैसा :
सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मवर्ष है, इसलिए उन्हें भेंट करना चाहते हैं।
- 1968-1970 में कमल के निशान वाले सिक्के :
1968 से 70 के बीच जारी कमल के फूल वाले सिक्के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहते है क्योंकि 1969 में भाजपा की नींव डाली गई थी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।