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    मोहल्ले से गायब हो गई थी बेटी, आठ साल से मिलने की आस लगाये हैं परिजन

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sat, 22 Apr 2017 09:48 PM (IST)

    आठ साल पहले मोहल्ले से ही गायब हो गई थी चार साल की बच्ची। परिजनों ने ढ़ूढ़ने की काफी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। अब तो परिजनों को बेटी के मिलने की अास भी टूटने लगी है।

    मोहल्ले से गायब हो गई थी बेटी, आठ साल से मिलने की आस लगाये हैं परिजन

    सिवान [जेएनएन]। सिवान जिले के नौतन थाना क्षेत्र के एक गांव से करीब आठ वर्ष पहले चार साल की बच्ची शाम को खेलते-खेलते अचानक गायब हो गई। उसका अभी तक पता नहीं चला। कुआं, तालाब, झाड़-झंखाड़ हर जगह खोजा गया, पर निराशा ही हाथ लगी। पुलिस की कार्रवाई आवेदन लेने तक ही सिमटी रही।

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    बेटी बड़ी होती तो परिजन दूर भी खोजने जाते। यह भी आशंका होती कि खुद चली गई होगी। यहां तो बच्ची एकदम मासूम थी। अब तो कहीं दिख भी जाएगी तो पहचान में नहीं आएगी, लिहाजा उसे भूलने में ही अभिभावक भलाई समझ रहे हैं।

    गोल-मटोल शरीर वाली बच्ची जरूरत से ज्यादा चंचल थी। हर किसी के साथ कुछ ही देर में घुल-मिल जाती थी। टॉफी का लालच देकर कोई भी उसे बहला लेता था। मोहल्ले समेत पूरे गांव के लोग उसे बहुत प्यार करते थे। उसकी तोतली भाषा उन्हें अच्छी लगती थी।

    रोज की तरह ही पांच मई 2008 की शाम को बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। पिता सिवान से ड्यूटी से नहीं लौटे थे। मां घर के कामकाज में व्यस्त थी। अंधेरा हो गया, बेटी नहीं आई। तब तक पिता भी आ चुके थे। फिर उसकी तलाश शुरू हुई।

    पूरी रात टार्च लेकर गांव वालों ने कुआं, तालाब सहित हर उस संभावित स्थल पर खोज की, जहां से उसे किसी भी तरह से मिलने की उम्मीद थी। कोई फायदा नहीं हुआ। अगले दिन पुलिस को उसकी गुमशुदगी का आवेदन दिया गया। छोटी बच्ची थी, सो पुलिस ने भी ज्यादा हाथ-पांव नहीं मारी।

    लोगों ने आशंका जाहिर की किसी वहशी का शिकार बन गई। कोई उसे फुसलाकर ले गया और अपनी हवस मिटाकर हत्या कर दी। मां-बाप भी यही मानकर बैठ गए कि अब उनकी बच्ची नहीं मिल सकती।

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    हालांकि लोगों ने यह भी आशंका जाहिर की कि उसे गायब करने में किसी बच्चा चोर गिरोह का भी हाथ हो सकता है। मां-बाप कहते हैं कि बच्ची छोटी थी, सो उसे गायब करने में किसी न किसी का हाथ जरूर है। चाहे मार दिया हो या कहीं बेच दिया हो। पता नहीं किस हाल में होगी लाडली।

    उनके आंगन की किलकारी गायब होने से मकान सूना हो गया है। अब तलाश इसलिए बंद कर दी कि किस आधार पर करें। वह भी हमें भूल गई होगी। हमलोग भी उसे देखकर नहीं पहचान पाएंगे।

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