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    बिहार के छात्र ने बनाया ऑटो इंजन से चलने वाला विमान!

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Fri, 19 May 2017 10:11 PM (IST)

    बिहार के दो इंजीनियर छात्रों ने ऑटो इंजन से चलने वाला विमान का अविष्कार किया है। इनका अगला लक्ष्य दो सीट वाला हवाई जहाज बनाने का है।

    बिहार के छात्र ने बनाया ऑटो इंजन से चलने वाला विमान!

    सीतामढ़ी [जेएनएन]। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा में इंजीनियरिंग के छात्र एवं बिहार के सीतामढ़ी के सुरसंड निवासी दीपक कुमार साह ने अपने दो मित्रों के सहयोग से ऑटो इंजन से संचालित विमान का आविष्कार किया है। इसकी रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा है। उनका अगला लक्ष्य दो सीट वाला हवाई जहाज बनाने का है। 

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    दीपक कुमार साह को बचपन में खिलौने वाले विमान से बेहद लगाव था। समय के साथ विमान बनाने की सोच विकसित हुई। बड़े होने पर कॅरियर चुनने का मौका मिला तो यांत्रिकी को चुना। अब बचपन के शौक को साकार करने में जी जान से जुटे हैं। अपने दो साथियों की मदद से उन्होंने ऑटो इंजन से विमान का मॉडल तैयार किया है। 

    दीपक फिलहाल हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अंतर्गत गणपति कॉलेज के मैकेनिकल ट्रेड में द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने नेपाल के अपने दो साथियों संजय कुमार यादव और दीपेंद्र कुमार ठाकुर के साथ मिलकर एक पैरामोटर का निर्माण किया है।

    यह ऐसा मॉडल है, जो 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। विगत आठ मई को उन्होंने अपने ननिहाल सीतामढ़ी अंतर्गत रुन्नीसैदपुर के मानिक चौक में ग्रामीणों की उपस्थिति में इसका सफल परीक्षण किया। वे 2018 में दो सीट वाले सुपर इगल प्लेन का निर्माण करना चाहते हैं। यह 900 सीसी फोर स्ट्रोक इंजन से संचालित होगा। इस प्रोजेक्ट पर चार से पांच लाख रुपये खर्च आने की उम्मीद है। इसके लिए दीपक को मदद की दरकार है। 

    दीपक ने किसान कॉलेज, सीतामढ़ी से इंटर की परीक्षा पास की। इसके बाद बेंगलुरु में रहकर इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने लगे। बाद में उन्हें गणेश आइटी कॉलेज, कुरुक्षेत्र विवि, हरियाणा में मैकेनिकल ट्रेड में दाखिला मिला। सीतामढ़ी जिले के मानिक चौक निवासी उनके नाना केदार प्रसाद उनकी पढ़ाई के खर्चे उठाते हैं, जबकि पिता सुधीर कुमार प्रसाद नेपाल के जनकपुर धाम में किराना की दुकान चलाते हैं। 

    विमान का मॉडल बनाने में लगा एक साल

    इसमें तकरीबन डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए। जिसमें स्पीडोमीटर, बैरोमीटर, ऑटो इंजन, ग्लाइडर आदि का उपयोग किया गया है। पेट्रोल और इंजन ऑयल का उपयोग किया। सभी सामान की खरीदारी दिल्ली से की गई। पैरामोटर में एक घंटे में दो लीटर पेट्रोल की खपत होती है। इस बाबत गणपति महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ. जगमोहन राय ने बताया कि दीपक ने जो विमान का मॉडल बनाया है वह बिल्कुल अलग है। वह स्वभाव से हमेशा रचनात्मक रहा है। यह मॉडल उसी का परिणाम है।

    ऐसे करता है काम

    दीपक और उनके साथियों ने सभी उपकरणों को लोहे के एक फ्रेम में सेट कर दिया है। इसको एक सुरक्षा बेल्ट से जोड़ा गया है। उड़ान भरते समय संबंधित व्यक्ति इसे अपनी पीठ पर बांध लेता है, जबकि दूसरा इंजन से जुड़े ब्लेड को घुमाता है। इससे इंजन स्टार्ट हो जाता है।

     उड़ान भरने वाला व्यक्ति अपने हाथ में पैराशूट की रस्सी पकड़े रहता है। ऊपर उठने के साथ वह इंजन की गति बढ़ाता है और रस्सी को ढीला छोड़ते जाता है। इस प्रकार वह ऊपर चला जाता है। करीब हजार मीटर की ऊंचाई पर जाने के बाद ईंधन की क्षमता के अनुसार चक्कर लगाता है। तदोपरांत इंजन की गति को कम करने पर धीरे-धीरे नीचे चला आता है।  

    -दीपक ने ऑटो इंजन की मदद से जो मॉडल तैयार किया है वह विमानन के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। यदि उसे सहयोग मिले तो वह उसे और परिष्कृत कर सकता है। 

    -प्रो.सुरेंद्र प्रसाद सिंह, सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष, एलके कॉलेज, सीतामढ़ी

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    -'दीपक की कोशिश सराहनीय है। उनके इस मेथड की कॉपी एवं पैरामोटर की सीडी साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को भेजी जाएगी। उन्हें हरसंभव मदद की जाएगी। 

    -राजीव रोशन, जिलाधिकारी, सीतामढ़ी। 

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