सीएम नीतीश का एलान, बगही धाम बनेगा पर्यटन स्थल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बगही धाम में आयोजित श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ का उदघाटन करते हुए बगाही को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही।
सीतामढ़ी [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बगही धाम पर्यटन स्थल बनेगा। इसके लिए जो भी जरूरी निर्णय लेना होगा वह यहां के लोगों की सलाह से लिया जाएगा। बगही मठ के प्रति लाखों लोगों में अपार श्रद्धा है। यह पर्यटन स्थल बनकर ही रहेगा। वे शुक्रवार को बगही धाम में परम पूज्य ब्रह्मलीन तपस्वी नारायण दास जी महाराज की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ का उदघाटन करने के बाद संबोधित कर रहे थे।
सभा को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि वे इस समारोह में उपस्थित होकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यज्ञ के आयोजकों ने जब संपर्क किया तो उस समय विकास यात्रा और प्रकाश पर्व की तैयारी में जुटे थे। जानकारी मिली कि महायज्ञ में 25 लाख से ज्यादा लोग भाग लेने वाले हैं। मुझे लगा कि चलिए सरकार को एक बार फिर श्रद्धालुओं के सत्कार का मौका मिलेगा। मुझे भी मां जानकी की जन्मभूमि के कार्यक्रम में शिरकत करने का मौका मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस महायज्ञ में सरकार की ओर से जो कुछ किया गया है वह हमारा कर्तव्य है। यही जिम्मेवारी हमने प्रकाश पर्व पर निभाई। बिहार के बाहर लाखों सिख श्रद्धालुओं में अच्छी धारणा बनी। कुछ लोग बिहार को बाहर बदनाम करते हैं। आप लोग उन्हें सुधर जाने का आशीर्वाद दें। ब्रह्मलीन तपस्वी बाबा नारायण दास जी ने जो सीताराम नाम जप शुरू कराया, वह 57 वर्षों से जारी है। सभी लोग सीताराम नाम जाप जरूर करिए। लेकिन, सबके मन में शांति सद्भाव का भाव आए, इसके लिए प्रार्थना करिए। यहां भव्य मंदिर बन रहा है। यह आकर्षण का केंद्र बनेगा। ब्रह्मलीन तपस्वी बाबा नारायण दास जी के पास सभी धर्म के लोग आते थे। यहां 57 वर्षों से श्री सीताराम नाम जप चल कहा है। यह बहुत बड़ी बात है। निवेदन करता हूं कि सबसे प्रेम व सदभाव का भाव रखिए। बिहार जरूर आगे बढ़ेगा।
शराबबंदी की सफलता से एकजुटता
बिहार में शराबबंदी की पृष्ठभूमि पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 जुलाई 2015 को पटना में एक सम्मेलन था। उसमें नारी सशक्तीकरण पर बोलने के बाद कि जैसे ही बैठा तो एक कोने से महिलाओं ने आवाज लगाई कि शराब बंद करिए। हमारे नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर ने शराबबंदी लागू की थी। लेकिन, इसे वापस ले लिया गया। हमने 2011 से मद्य निषेध दिवस मनाना शुरू किया। देख रहे थे कि सबके बावजूद शराब की खपत बढ़ गई थी। जब महिलाओं ने आवाज लगाई कि शराब बंद कीजिए तो मन की दुविधा खत्म हो गई। हमने तत्काल मंच से शराबबंदी की घोषणा कर दी।
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आप जानते हैं कि समाज में सब तरह के लोग रहते हैं। कुछ लोग शराबबंदी को एक धंधे के रूप में देख रहे हैं। ऐसे लोगों पर नजर रखिए। शराबबंदी की सफलता लोगों की एकजुटता का परिचायक है। 21 जनवरी को यह साबित हो गया। मानव श्रृंखला में रिकॉर्ड भागीदारी हुई। आप लोग व्यसन करने वालों को समझाइए। यदि नहीं समझते हैं तो उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराइए। पहले कहीं भी जाइए, चारों ओर कोलाहल का माहौल बनता था। अब शांति का वातावरण बना गया है। बाबा तपस्वी नारायण दास ने बगही में इतनी सुंदर जगह बनाई और खुद अपने लिए एक झोपड़ी बनाई। यह उनकी त्याग व तपस्या का प्रतिफल है। यह आयोजन अदभुत है। मैं आयोजकों को बधाई देता हूं।
इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने तपस्वी बाबा की कुटिया में जाकर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। अखंड सीताराम नाम जप स्थल पर माथा टेका। इसके बाद 1008 कीर्तन कुंज का उदघाटन किया और बाबा शुकदेव दास जी महाराज की कुटिया में प्रसाद ग्रहण किया।
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