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    फर्जी तरीके से हुआ था शिक्षक पद पर नियोजन, तरीके जान हो जायेंगे हैरान

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sat, 08 Apr 2017 10:48 PM (IST)

    शिक्षक बनने के लिए एक महिला ने फर्जीवाड़े की हद पार कर दी। शिक्षक की नौकरी के लिए उसने ग्यारह वर्ष की उम्र में ही जन शिक्षा के तहत शिक्षा प्रेमी होने का प्रमाणपत्र बनाया।

    फर्जी तरीके से हुआ था शिक्षक पद पर नियोजन, तरीके जान हो जायेंगे हैरान

    रोहतास [जेएनएन]। कभी कभी एक गलती को छिपाने के लिए लोग सैंकड़ों गलतियां कर बैठते हैं। कुछ ऐसी ही गलती शिवसागर प्रखंड के सिलारी पंचायत में शिक्षक नियोजन के दौरान देखने को मिली है। जहां उर्मिला नाम की एक महिला ने शिक्षक की नौकरी के लिए ग्यारह वर्ष की उम्र में ही जन शिक्षा के तहत शिक्षा प्रेमी होने का अनुभव प्राप्त किया है। उससे बड़ी गलती तो वहां की नियोजन इकाई ने कर डाली है कि कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर नियोजन प्रक्रिया को पूरा किया है।

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    सात वर्ष पूर्व शिक्षक नियोजन में बड़े पैमाने पर की हुई गड़बड़ी का भूत न तो नियोजन इकाई का पीछा छोड़ रहा है, न अधिकारियों का। हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर एक महिला को शिक्षक के पद पर नियोजन करना इकाई से लेकर अधिकारी तक को महंगा पडऩे वाला है।

    इस मामले को ले शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार से लेकर कोर्ट व लोकायुक्त तक चुनौती देने वाली अभ्यर्थी अनुषा कुमारी के आवेदन पर बिहार के लोकायुक्त ने कड़ा स्टेप लिया है। सभी विपक्षी को हर हाल में 21 अप्रैल को उपस्थित हो अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है।

    लोकायुक्त की सख्ती के बाद अधिकारी से लेकर इकाई सदस्यों तक के हाथ पांव फूलने लगे हैं। डीईओ ने वहां के बीईओ के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है, वहीं बीडीओ व पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई तय मानी जा रही है। इन दोनों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए डीएम को अनुशंसा भेजी गई है।

    लोकायुक्त ने अपने आदेश में कहा है कि मामले की विपक्षी संख्या नौ द्वारा ग्यारह वर्ष की उम्र में जन शिक्षा के तहत प्राथमिक विद्यालय कुर्था में शिक्षा प्रेमी के रूप में योगदान किया गया था। उसने अगस्त 1996 से मार्च 1998 तक शिक्षा प्रेमी के रूप में कार्य करने का अनुभव प्रमाणपत्र नियोजन के वक्त उपलब्ध कराई है, जबकि उसका जन्म फरवरी 1985 है।

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    ग्यारह वर्ष की उम्र में उसने शिक्षा प्रेमी के रूप में कार्य किया है। लिहाजा शिक्षक बनने के लिए उसने गलत तरीके से अनुभव प्रमाणपत्र प्राप्त कर सरकार द्वारा निर्धारित 20 फीसद अधिभार अंक का फायदा उठाया है।

    शिवसागर के बीडीओ व संबंधित पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीईओ द्वारा भेजे गए पत्र की सूचना उन्हें प्राप्त नहीं हो सकी है। पत्र प्राप्त होते ही उचित कदम उठाया जाएगा।
    अनिमेष कुमार पराशर, डीएम 

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