शहाबुद्दीन का केस सुनने से पटना हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने किया इन्कार
पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार मिश्रा ने तिहाड़ जेल में सजा काट रहे सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के केस में सुनवाई करने से इंकार दिया है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल में बंद राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के एक केस में सुनवाई करने से इन्कार कर दिया। इन्कार का कारण स्पष्ट नहीं है। अब मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन तय करेंगे कि इस मामले को किस पीठ को दिया जाए।
बता दें कि मुफ्त कानूनी सहायता दिये जाने को लेकर शहाबुद्दीन का यह केस पटना हाईकोर्ट में लंबित है। 30 मई 2013 को जेल में बंद शहाबुद्दीन ने निचली अदालत से मनमाफिक वकील एवं मुफ्त कानूनी सहायता की मांग की थी।
विशेष न्यायाधीश ने 14 जून 2013 को पूर्व सांसद को उनके पसंदीदा वकील अभय कुमार राजन की सेवा लेने की अनुमति प्रदान कर दी। साथ ही वकील को उतना ही पारिश्रमिक देने का निर्देश दिया जितना विशेष लोक अभियोजक को दिया जाता है।
निचली अदालत के इस फैसले को लेकर सिवान के पूर्व डीएम ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने 2013 में ही अभियुक्त को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। लेकिन लंबे समय तक जवाब नहीं आया। 2013 के बाद अब उस मामले को खोला गया है।
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राज्य सरकार की ओर से यह दलील दी गई है कि लीगल सर्विस ऑथोरिटी की धारा 20 एच के अनुसार इन्हें सरकारी खर्च पर कानूनी सहायता नहीं दी जा सकती है। वे गरीब नहीं हैं कि उन्हें मुफ्त वकील एवं खर्च दिया जाए।
ये वही शख्स हैं जो सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता राम जेठमलानी और राजीव धवन जैसे नामीगिरामी वकील की फीस दे सकते हैं। इसके अलावा वे विधायक एवं सांसद भी रह चुके हैं। उन्हें पेंशन भी मिलती है।
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