सीबीआइ की FIR को कोर्ट में चुनौती देंगे तेजस्वी यादव
रेल होटल घोटाला मामले में सीबीआइ के आरोपों का जवाब देने के लिए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अब अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। इसके लिए अपने दिल्ली दौरे में तेजस्वी वकीलों से सलाह लेंगे।
पटना [जेएनएन]। राजद अध्यक्ष के छोटे पुत्र और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर रेल होटल घोटाला मामले में आरोप लगने के बाद बिहार की राजनीति हलचल तेज है। एक ओर जहां तेजस्वी पर इस्तीफा देने का दबाव बना हुआ है तो वहीं दूसरी ओर महागठबंधन पर संशय के काले बादल मंडरा रहे हैं।
इस बीच तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद दिल्ली गए हैं, जहां वो वरिष्ठ वकीलों से मुलाकात कर सीबीआइ द्वारा अपने पिता और मां के साथ ही खुद पर किए गए एफआइआर को अदालत में चुनौती देने के बारे में राय मशविरा करेंगे।
कहा जा रहा है कि तेजस्वी अपने विभागीय कार्यों को लेकर भी दिल्ली गए हैं, जिसमें वो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी मुलाकात करेंगे और साथ ही दिल्ली के द्वारिका में बन रहे बिहार भवन की बिल्डिंग का भी अवलोकन करेंगे।
लालू परिवार के एक सदस्य के मुताबिक तेजस्वी को वकीलों ने सलाह दी है कि वो सीबीआइ की एफआइआर को कोर्ट में चुनौती दें और अगर अदालत किसी तरह का संतोषजनक निर्णय नहीं देती तो उन्हें जमानत के लिए भी सोचना चाहिए।
लालू और उनके पुत्र इस समस्या से निपटने की पूरी तैयारी कर रहे हैं। लालू यादव जहां भ्रष्टाचार के केस में फंसे हुए हैं तो वहीं तेजस्वी अपने राजनीतिक कैरियर के पहले पायदान पर ही भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गए हैं। तेजस्वी अपने पिता और मां राबड़ी देवी पर भ्रष्टाचार, आपराधिक जालसाजी, धोखाधड़ी के साथ ही बेनामी संपत्ति के आरोप तब लगे हैं जब लालू रेलमंत्री थे।
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लालू ने साफ जवाब दिया है कि सीबीआइ के एफआइआर से तेजस्वी यादव के इस्तीफा देने का क्या औचित्य है? तेजस्वी का इस्तीफा तब मांगा जा सकता है जब सीबीआइ चार्जशीट दायर करती या वो गिरफ्तार किए जाते।
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