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    मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों ने लिखे कॉपियों में अजब-गजब उत्तर, जानिए

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Sat, 22 Apr 2017 09:26 PM (IST)

    मैट्रिक और इंटर परीक्षा में परीक्षार्थियों ने अपने एेसे अजब-गजब लिखे हैं कि कॉपियों की जांच करने वाले शिक्षकों की हंसी नहीं रूक पा रही है।

    मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों ने लिखे कॉपियों में अजब-गजब उत्तर, जानिए

     पटना [जेएनएन]। पटना समेत पूरे राज्य में अभी मैट्रिक और इंटर परीक्षा की कॉपियों की जांच चल रही है। कॉपियों की जांच कर रहे शिक्षक परीक्षार्थियों के अजब-गजब उत्तर से एक तरफ हैरान हैं तो दूसरी तरफ  कॉपी जांचते हुए उनकी हंसी भी नहीं रूक रही है। कॉपी में छात्रों के लिखे अजब-गजब उत्तर  मिल रहे हैं।

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    मैट्रिक की कॉपियों में जहां किसी छात्र ने शायरी लिखी है तो किसी ने कॉपी जांचने वाले को ही धमकी दे दी है। शिक्षक भी ऐसी कॉपियों को पढ़कर हंसी नहीं रोक पा रहे हैं। हालांकि परीक्षार्थियों को इन जवाबों पर जीरो नंबर मिल रहे हैं।

    पेट्रोलियम के निर्माण से संबंधित सवाल के जवाब में एक छात्र ने लिखा है कि बिहार में पहले बैलगाड़ी चलती थी तो पेट्रोलियम का काम नहीं पड़ता था। जब गाड़ी, बस, ट्रेन चलने लगी तब से पेट्रोल का जरूरत पड़ने लगी और वस्तुओं का निर्माण होने लगा।

    उसी तरह से एक छात्रा ने कॉपी में लिखा है कि सुबह लिखती हूं, शाम लिखती हूं, जब लिखती हूं स्वस्ति मां का नाम लिखती हूं। मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों की मानें तो ऐसे कई जवाब कॉपियों में लिखे हुए मिल रहे हैं। बहरहाल ऐसे जवाब को पढ़कर शिक्षक सीधे सवालों को काट दे रहे हैं।

    राजधानी के एक मूल्यांकन केंद्र पर सोशल साइंस विषय के सवालों के जवाब में एक बच्चे ने लिखा है कि बैल हमारा बाप है, जो हमारा नंबर काटे, उसे मेरे तरफ से उसके सर पर पाप है। इसी तरह से एक छात्रा ने लिखा है कि सोने का घोड़ा, चांदी का लगाम... हमारा कॉपी करने से पहले सर तथा मैडम जी को करती हूं प्रणाम।

    कुछ बच्चों ने बीच-बीच में एक लाइन सवाल से संबंधित जवाब लिखे हैं, उसके बाद ऐसी ही लाइनें लिखकर जवाब को लंबा किया है।

    इंटर परीक्षा के मूल्यांकन के दौरान शिक्षकों ने हिंदी (50 नंबर) की कापियों की जांच के दौरान उत्तर कुंजी में गलत उत्तर पकड़ा है। शिक्षकों के अनुसार बिहार बोर्ड की ओर से जो उत्तर कुंजी उपलब्ध कराई गई उसमें एक प्रश्न का उत्तर गलत था। एक केंद्र पर यह मामला सामने आने के बाद वहां सभी शिक्षकों को सही जवाब के आधार पर अंक देने का निर्देश दिया गया।

    ऐसे में शिक्षक संगठनों का विरोध है कि अन्य मूल्यांकन केन्द्रों पर जांच रहे प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक, जिनके पास पाठ्यक्रम का ज्ञान नहीं है वे छात्रों को कैसे नंबर दें। उधर, नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. गणेश शंकर विद्यार्थी व राज्य सचिव संतोष कुमार ने कहा कि मध्य विद्यालयों के शिक्षकों से कॉपी जांच कराना गलत है।