लालू के 'प्रभु' गए जेल, 27 अगस्त की रैली पर पड़ेगा असर? जानिए
गुरुवार को राजद नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को विधायक अशोक सिंह के हत्या के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने से लालू की रैली पर इसका असर पड़ेगा?
पटना [जेएनएन]। राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अब कमर कस ली है। अपने विरोधियों को सबक सिखाने के लिए उन्होंने अपने पुराने अंदाज में फिर से विशाल रैली का सहारा लिया है। इस रैली के सहारे लालू एक तीर से दो निशाना साधने में लगे हैं।
वहीं दूसरी ओर, लालू की रैली की तैयारी पर संकट के बादल भी मंडराने लगे हैं। लालू की रैली में लोगों के जुटान से लेकर, कई फ्रंट पर बड़ा मोरचा संभालने वाले उनके एक सिपाही जेल चले गये हैं। लालू प्रसाद के लिए यह बहुत बड़ा झटका है।
राजनीतिक जानकारों की मानें, तो बिहार के एक खास इलाके में प्रभाव रखने वाले राजद नेता प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने के बाद आगामी 27 अगस्त को पटना गांधी मैदान में आयोजित रैली की सफलता पर प्रश्नचिह्न लग गया है। हालांकि, राजद के सूत्र बताते हैं कि प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने का असर रैली पर नहीं दिखेगा, लेकिन लालू प्रसाद की चुप्पी बहुत कुछ कह जाती है।
27 अगस्त को आयोजित है रैली
राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में लालू प्रसाद 27 अगस्त 2017 की रैली आयोजित है, उसको लेकर अभी से तैयारी चल रही है। लालू की रैली खास होती है और वह आयोजन के कई महीने पहले से चर्चा के केंद्र में बनी रहती है। लालू द्वारा पूर्व में आयोजित हुई रैली भी काफी चर्चा में बनी रही है।
इधर, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर लालू ने विपक्ष को अभी से एकजुट करना शुरू कर दिया है। लालू रैली के जरिये राष्ट्रपति चुनाव के बहाने विपक्ष को एक कर एनडीए सरकार से इनकम टैक्स की कार्रवाई का बदला भी चुकाना चाहते हैं। इसे लेकर उन्होंने बसपा सुप्रीमो, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और ममता बनर्जी से फोन पर बातचीत की है।
प्रभुनाथ सिंह गये जेल
जानकारों की मानें, तो राजद नेता प्रभुनाथ सिंह का कद राजद में काफी बड़ा है। वह कई मौकों पर लालू प्रसाद के लिए संकटमोचक साबित हुए हैं। प्रभुनाथ सिंह का उत्तर बिहार के कई जिलों में गहरी पैठ है। उनके समर्थकों का एक खास तबका है, जो हमेशा लालू की रैली में भारी संख्या में पहुंचता था। प्रभुनाथ सिंह के जेल जाने से अब ऐसा नहीं होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
पार्टी के सूत्र बताते हैं कि रैली को लेकर लालू प्रसाद ने प्रभुनाथ सिंह से हाल में चर्चा की थी और कई जिम्मेदारी प्रभुनाथ सिंह को सौंपी गयी थी। प्रभुनाथ सिंह अभी से रैली की तैयारी में भी जुट गये थे, तभी हत्या के एक पुराने मामले में कोर्ट ने दोषी करार देकर जेल भेज दिया।
लालू के संकटमोचक हैं प्रभुनाथ
सूत्र बताते हैं कि लालू की रैली की सफलता का राज प्रभुनाथ सिंह जैसे नेताओं में ही छुपा हुआ है। राजधानी पटना की व्यवस्था भले लालू के स्थानीय कार्यकर्ताओं के भरोसे रहे लेकिन बिहार के बाकी इलाकों से लोगों को रैली स्थल तक लाने का काम प्रभुनाथ सिंह जैसे लोग ही करते हैं, अब चुकी प्रभुनाथ सिंह जेल जा चुके हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि रैली को बड़ी सफलता नहीं मिलेगी।
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गौरतलब हो कि गुरुवार को हजारीबाग कोर्ट की ओर से दोषी ठहराये जाने के बाद प्रभुनाथ सिंह को हिरासत में ले लिया गया। अब मामले में फैसला 23 मई को सुनाया जायेगा। प्रभुनाथ सिंह को 22 साल पुराने हत्या के एक मामले में दोषी करार दिया गया है।
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