केंद्र की नमो सरकार ने किया बिहार का विकास : राधामोहन
केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने भाजपा के नीतीश कुमार की सरकार से हटने के बाद के दो साल के शासन को कुशासन बताया है। राधामोहन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पिछले एक साल में बिहार के विकास के लिए किए गए कार्यों का विवरण दिया।

पटना। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने भाजपा के नीतीश कुमार की सरकार से हटने के बाद के दो साल के शासन को कुशासन बताया है। राधामोहन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पिछले एक साल में बिहार के विकास के लिए किए गए कार्यों का विवरण दिया। उन्होंने कहा कि नमो सरकार ने एक साल में बिहार को जितना कुछ दे दिया, कांग्रेस की सरकार ने 10 साल में भी नहीं दिया था।
केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर मनाए जा रहे 'जन कल्याण पर्व' की कड़ी में बुधवार को राधामेाहन सिंह भाजपा कार्यालय में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे। उन्होंने बिहार के विकास के लिए पिछले एक साल में केंद्र सरकार की ओर से लिए गए डेढ़ दर्जन से अधिक बड़े फैसलों की जानकारी भी दी।
बिहार के विकास के लिए लिए गए फैसलों में उनके मंत्रालय द्वारा राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा, समेकित कृषि प्रणाली पर आधारित राष्ट्रीय शोध केंद्र की बिहार में स्थापना, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत दूध उत्पादन बढ़ाने और देशी नस्लों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए 1250 मैत्री केंद्र बनाने के लिए 31 करोड़ की स्वीकृति, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज और सिवान के लिए एक अलग डेयरी प्लांट और बक्सर में मेगा फूड पार्क की मंजूरी प्रमुख हैं।
सिंह ने कहा केंद्र सरकार ने बिहार में 20 हजार करोड़ की लागत से चार हजार मेगावाट क्षमता के मेगा पावर प्लांट की स्थापना को भी मंजूरी दी है। राज्य में एक और अखिल भारतीय भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना तथा बरौनी के बंद पड़े खाद कारखाने को चालू कराने के भी निर्णय लिए गए हैं।
इसके अलावा जगदीशपुर हल्दिया पाइनलाइन बिछाने का काम शुरू करके अगले चार पांच सालों में पटना और बिहार के बड़े शहरों में पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति करने की योजना बनाई गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मोतिहारी में महात्मा गांधी के नाम पर केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के तीन वर्षों से लंबित मामले को मंजूरी तथा आइआइएम की स्थापना के निर्णय नमो सरकार में ही लिए गए।
वाराणसी से हल्दिया वाया बिहार 4200 करोड़ की लागत से 1620 किमी लम्बे जलमार्ग के विकास का काम इसी सरकार ने शुरू किया है। इस जलमार्ग से जब मालवाहक जहाज चलने शुरू होंगे तो सर्वाधिक लाभ बिहार को ही मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा नीतीश सरकार से अलग हुई तो विकास ठप हो गया और आपराधिक घटनाएं तेजी से बढऩे लगी हैं। यहां 30 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य था, लेकिन सरकार मात्र 18 लाख टन खरीद पाई। इससे बिहार के किसान तीन हजार करोड़ रुपये पाने से वंचित रह गए। किसानों से जो धान खरीदे गए उनके 1500 करोड़ का भुगतान भी सरकार नहीं कर पाई है। इससे परेशान होकर किसान आत्महत्या करने को विवश हो रहे हैं।

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