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    लालू ने दिया था राज्यसभा सीट का अॉफर, मायावती का रैली में भी आने से इन्कार

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Tue, 22 Aug 2017 06:12 PM (IST)

    एक ओर लालू यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती को राजद की तरफ से राज्यसभा भेजने का अॉफर दिया लेकिन अब तो मायावती ने उनकी 27 अगस्त की रैली में ही आने से इन्‍कार कर दिया है।

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    लालू ने दिया था राज्यसभा सीट का अॉफर, मायावती का रैली में भी आने से इन्कार

    पटना [जेएनएन]। राजद अध्यक्ष लालू यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती को राजद से राज्यसभा सीट देने का अॉफर दिया था लेकिन मायावती ने अॉफर तो क्या अब लालू की 27 अगस्त को 'बीजेपी हटाओ, देश बचाओ' रैली में ही आने से इन्‍कार कर दिया है। मायावती के इस इंकार से एक ओर जहां लालू को करारा झटका लगा है, वहीं बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की जो कवायद चल रही है, उसे भी बड़ा झटका लगा है। 

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    आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने 27 अगस्त को पटना के गांधी मैदान में 'बीजेपी हटाओ, देश बचाओ' रैली आयोजित की है। इस रैली में गैर-एनडीए दलों के सभी शीर्ष नेताओं को आमंत्रित किया गया है। लालू यादव को पूरी संभावना थी कि मायावती उनकी रैली में जरूर आएंगी। लेकिन उनका भरोसा मायावती ने तोड़ दिया है।

    लालू यादव ने दिया था मायावती को राज्यसभा का अॉफर

    बता दें कि हाल ही में जब मायावती ने राज्यसभा सदस्य से इस्तीफा दिया था, तब लालू यादव ने उन्हें अपनी पार्टी के कोटे से राज्यसभा भेजने की पेशकश की थी और लालू को पूरा भरोसा था कि मायावती उनकी रैली का और विपक्षी एकता का हिस्सा जरूर बनेंगी।

    पहले नीतीश ने छोड़ा साथ, अब रैली में आने से माया का इंकार

    राजद की इस रैली को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को मजबूती मिलने के तौर पर देखा जा रहा है। मगर, जैसे-जैसे चुनाव का वक्त नजदीक आ रहा है, बीजेपी के विरोधी दलों की इस उम्मीद को झटका लगता जा रहा है। हाल ही में जेडीयू ने आरजेडी-कांग्रेस से महागठबंधन तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया।नीतीश का बीजेपी में जाना विपक्षी फ्रंट के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है।

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    वहीं दूसरी तरफ, यूपी में समाजवादी पार्टी की पारिवारिक कलह चुनाव के बाद तक बदस्तूर जारी है। ऐसे में मायावती का आरजेडी की रैली में न जाना बीजेपी के खिलाफ लामबंदी को और कमजोर करने जैसा है। हालांकि अभी तक उनके रैली में नहीं आने की वजह सामने नहीं आई है।

    लालू को थी उम्मीद, रैली में साथ होंगे सपा-बसपा 

    लालू को उम्मीद थी कि उनकी रैली में पहली बार सपा और बसपा एक मंच पर नजर आएंगे। देश की मौजूदा सियासत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की लगातार कोशिश की जा रही है। इसके लिए लालू यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी ये उम्मीद अब कमजोर होती जा रही है।

    बिहार में शरद यादव के जदयू के खिलाफ बोलने और लालू को उनका सपोर्ट करने को लेकर विपक्षी एकता और रैली के बाद इसके लिए होने वाली गठबंधन की चर्चा जोरों पर है। एेसी संभावना है कि 27 अगस्त की लालू की रैली में एकजुटता देखने को मिले। इसे लेकर राजद में उत्साह देखा जा रहा है। 

     

    आरजेडी लालू प्रसाद यादव ने 27 अगस्त को पटना में तमाम विपक्षी पार्टियों के नेताओं को बुलाया है। जिसमें कांग्रेस, एसपी, बीएसपी,टीएमसी सहित कई राजनीतिक दल के नेताओं के शामिल होने की चर्चा है। 

     

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    साथ मिलकर मोदी सरकार को मात देने की कोशिश

     

    देश में विपक्षी दलों द्वारा पीएम मोदी और केंद्र सरकार के खिलाफ तमाम विपक्षी पार्टियों को एक जुट किया जा रहा है, लेकिन पिछले दिनों महागठबंधन से नाता तोड़ नीतीश कुमार ने जब बीजेपी से हाथ मिलाया तो इस विपक्षी एकता को एक करारा झटका लगा।

     

    वहीं जदयू के शरद यादव ने नीतीश के एनडीए में शामिल होने के बाद बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है।

    पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में साझी विरासत बचाओ के नाम पर 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं को बुलाकर एक होने की बात कही। इसके कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए और उन्होंने पहली बार खुलेतौर पर कहा कि देश को बचाने के लिए विपक्षी पार्टियों को अब एकजुट होना होगा।

     

    सपा-बसपा की तस्वीर ट्विटर पर, बसपा ने कहा- फर्जी है 

     

    रविवार  को ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की गई जिसमें कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी, जेडयू नेता शरद यादव, आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव टीएमसी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ-साथ अखिलेश यादव भी शामिल दिख रहे हैं। इन सभी नेताओं में मायावती की बड़ी फोटो है बाकी सब नेताओं की फोटो बराबर है।

     

    रविवार को बसपा के नाम से बने ट्विटर अकाउंट से जारी किए गए एक पोस्‍टर में अखिलेश यादव और मायावती को एक साथ दिखाया गया है। विपक्षी एकजुटता को दिखाने की कवायद के तहत इस पोस्‍टर को जारी किया गया है, जिसे तेजस्‍वी यादव जैसे राजद नेताओं ने रिट्वीट भी किया है। अब इस पोस्‍टर को बसपा ने फर्जी करार दिया है।

     

    बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आधिकारिक बयान जारी कर इस पोस्टर को फर्जी बताया है। इसके साथ ही मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि बीएसपी का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है। सतीश चंद मिश्रा ने बयान जारी कर कहा, 'बीएसपी का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है। बीएसपी के ट्विटर हैंडल के नाम से पोस्टर जारी करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। 

     

     

     There is no official Twitter a/c of BSP. Poster (with Mayawati, Akhilesh, Sonia asking for opp unity) wasn't released by BSP: Satish Mishra pic.twitter.com/qp2jeWkXtC