नोटबंदी को मुद्दा बना BJP के खिलाफ महासंग्राम की तैयारी में लालू
आगामी दिनों में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव नोटबंदी को मुद्दा बनाकर भाजपा को जमकर घेरने की तैयारी में जुट गए हैं। उनके हर कदम इस दिशा में सोच-समझकर ...और पढ़ें

पटना [अरविंद शर्मा]। उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बिहार में एक और सियासी महागसंग्राम का संकेत है। दरअसल, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद नोटबंदी को लेकर भाजपा के खिलाफ महासंग्राम की तैयारी में हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 10 जनवरी को पटना में कदम रखेंगे तो सूबे की सियासत परवान पर होगी। नोटबंदी के खिलाफ राजद प्रमुख लालू प्रसाद प्रदेश भर में जनजागरण अभियान और धरना-प्रदर्शन के बाद पटना में बड़ी रैली की तैयारियों की तरफ बढ़ रहे होंगे। तबतक प्रधानमंत्री द्वारा मांगी गई 50 दिनों की मोहलत की मियाद पूरी हो चुकी होगी। जदयू का संशय भी साफ हो चुका होगा, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसके नफा-नुकसान का आकलन कर लिए होंगे।
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मौसम का धुंध छंटेगा तो सियासत की गर्मी का बढऩा तय है। दो-तीन हफ्तों में सूबे की राजनीति नोटबंदी के मुद्दे पर गोलबंदी की ओर खिसक रही है। भाजपा के नेता जहां आम लोगों को नोटबंदी व कैशलेस कारोबार के फायदे समझा रहे होंगे वहीं राजद के नेता-कार्यकर्ता गांवों व शहरों में घूम-घूमकर इसके नुकसान की व्याख्या कर रहे होंगे।
नोटबंदी के खिलाफ तृणमूल कांग्र्रेस की अध्यक्ष एवं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राष्ट्रीय अभियान के पस्त पड़ जाने के बाद भाजपा विरोधी लड़़ाई की कमान लालू के पाले में आती दिख रही है। यही वजह है कि भाजपा विरोधी बिहार के सियासी बयार में ऊर्जा का संचार कर लालू यूपी की सियासत को चुनाव के पहले तक उच्च तापमान पर गर्म रखने की कोशिश में हैं। क्योंकि, भाजपा के विरोध में राष्ट्रीय स्तर पर जितना बड़ा माहौल खड़ा होगा, यूपी में लालू के समधी मुलायम सिंह यादव एवं समाजवादी पार्टी को उतना ही फायदा होगा। केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को लालू अपने आधार वोटरों के खिलाफ मानते हैं।
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बहरहाल, इसे महज संयोग नहीं कहा जा सकता कि लालू ने नोटबंदी के मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ जनजागरण और जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम के लिए 20 से 28 दिसंबर की तारीख चुनी। दिसंबर के पहले हफ्ते में भाजपा ने लालू के स्वजातीय सांसद नित्यानंद राय को प्रदेश की कमान सौंपकर एक तरह से राजद प्रमुख की परेशानियों में इजाफा किया है।
दूसरी परेशानी राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के गढ़ सिवान में 21-22 जनवरी को भाजपा कार्यसमिति की बैठक बुलाकर खड़ी की जाने वाली है। भाजपा के इस कदम को राजद अपने आधार वोट को परेशान करने वाला मान रहा है। यही वजह है कि नोटबंदी पर अबतक सोशल मीडिया में बयानबाजी करने भर से मतलब रखने वाले लालू ने सड़कों पर उतरने का एलान कर दिया।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मोहन गुरुस्वामी को दिल्ली से पटना बुलाकर बकायदा अपने कार्यकर्ताओं को नोटबंदी के खिलाफ सारे प्वाइंट्स रटवाए एवं सशक्त आंदोलन की घुïट्टी पिलाई। जाहिर है, आगे मौसम की सटीक भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती है लेकिन सियासी पारा के ऊपर चढऩे की पूरी गारंटी है।

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