अंडरगारमेंट में जासूसी डिवाइस लगा कराते थे नकल, खुल गई पोल, जानिए
माफिया ने अंडरगारमेंट्स में जासूसी डिवाइस लगा बीएसएससी की परीक्षा में नकल का प्लान बनाया था। इसके लिए चार लाख रुपये में सौदा तय किया था। लेकिन, परीक्षा के एक दिन पहले पोल खुल गई।
पटना [जेएनएन]। रविवार को होने वाली बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की इंटर-स्तरीय परीक्षा के दूसरे चरण में धांधली की पूरी तैयारी थी। उससे पहले ही शनिवार को एसआइटी ने नकल माफिया गिरोह के तीन गुर्गों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, भारी मात्रा में ईयर फोन, ब्लू टूथ आदि उपकरणों के साथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी पटना के अगमकुंआ थाना क्षेत्र के महात्मा गांधी नगर कांटी फैक्ट्री के पास हुई।
गिरफ्तार गुर्गों में से पवन कुमार पटना जिला में फतुहा का, विपिन कुमार नालंदा का और नवनीत कुमार पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी का निवासी है। परीक्षार्थियों से चार-चार लाख रुपये लेकर ये तीनों इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल कराने के फिराक में थे। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पवन गिरोह का सरगना है। गिरोह का कनेक्शन फरार चल रहे गुरु उर्फ अमिताभ से है। गुरु को एसआइटी ने जल्द ही गिरफ्तार करने का दावा किया है।
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आधी रात में ही होना था खेल
18.8 लाख अभ्यर्थियों की भारी-भरकम तादाद के कारण बीएसएससी चार चरणों में परीक्षा का आयोजन कर रहा है। 29 जनवरी को पहले चरण की परीक्षा के दौरान कथित तौर पर पर्चा आउट होने की चर्चा रही। उससे एक दिन पहले यानी 28 जनवरी को पटना पुलिस के हत्थे पांच आरोपी (सेना में फर्जी बहाली कराने वाला गिरोह) चढ़े थे। पूछताछ को उन्हीं गुर्गों ने बीएसएससी का पर्चा आउट होने की जानकारी दी थी।
बाद में तहकीकात पर गिरोह के तार जुड़ते गए। जांच के लिए एसआइटी का गठन हुआ। एसआइटी को भनक लगी कि दूसरे चरण की परीक्षा के दौरान इलेक्ट्रानिक डिवाइस से धांधली होनी है। परीक्षार्थियों को शनिवार आधी रात में ही नकल के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस दी जानी थी। कार्रवाई करते हुए एसआइटी ने तीन आरोपियों को धर दबोचा।
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किराये के मकान से सौदेबाजी
एसआइटी को सूचना मिली कि कांटी मोड़ के पास किराये के मकान में तीनों गुर्गे ठहरे हैं और वहां परीक्षार्थियों का आना-जाना लगा है। छापेमारी के दौरान कमरे का सामान देख एसआइटी दंग रह गई। वहां भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, छोटी ब्लू ट्रूथ, पुरुषों के अंडर गारमेंटस, छोटी बैटरी, वायर, प्रिंटर, टैब, एटीएम कार्ड बॉक्स, कार्ड चेक, लैपटॉप, सिमकार्ड, सेलफोन, ईयर फोन, एक्सटर्नल हार्ड-डिक्स, तांबा का तार सहित अन्य उपकरण मिले।
डायरी में सौ परीक्षार्थियों के नाम
पूछताछ में पुलिस को मालूम हुआ कि ये उपकरण उन परीक्षार्थियों के बीच वितरित किए जाने थे, जिन्हें परीक्षा में उत्तीर्ण कराने का ठेका लिया गया है। पुलिस के हाथ एक डायरी भी लगी है, जिसमें सौ से अधिक परीक्षार्थियों के नाम हैं। प्रति अभ्यर्थी चार लाख रुपये में सौदा हुआ था। अग्रिम में 50 हजार रुपये लिए गए थे।
बताया जाता है कि नौकरी दिलाने वाले इस गिरोह के तार दूर-दूर तक फैले हैं। गिरोह काफी पहले ये हाईटेक अंदाज में परीक्षाओं में नकल करा जॉब दिलाता रहा है।
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