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    इस मायने में सीएम नीतीश की राह पर चल रहीं थीं जयललिता, जानिए

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Tue, 06 Dec 2016 10:51 PM (IST)

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता भी शराबबंदी की राह पर चल पड़ीं थीं। लेकिन, उनके निधन से वहां शराबबंदी के मिशन को गहरा आघात लगा है।

    पटना [अमित आलोक]। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता शराबबंदी के मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राह पर चल रहीं थीं। उनके निधन से तमिलनाडु में पूर्ण शराबबंदी के मिशन को आघात लगेगा, यह तय माना जा रहा है। जयललिता के नेतृत्व में तमिलनाडु ने पूर्ण शराबबंदी की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया था।

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    तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव के पहले नौ अप्रैल को चेन्नई के आईसलैंड मैदान में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए एआइडीएमके सुप्रीमो जयललिता ने वादा किया था कि सत्ता में वापसी के बाद वे चरणबद्ध ढंग से राज्य में शराबबंदी लागू करेंगी। उन्होंने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि पर शराबबंदी का अपना वादा पूरा न करने का आरोप लगाया।

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    जयललिता ने कहा कि करुणानिधि की डीएमके सरकार ने ही चार दशक पहले शराब पर प्रतिबंध को हटा दिया था। कहा कि तमिलनाडु में शराबबंदी रातोंरात लागू नहीं हो सकती, क्योंकि 1971 में डीएमके नेता और राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि द्वारा शराब पर लगा प्रतिबंध हटा लेने के बाद से एक पूरी पीढ़ी शराब पीने की आदी हो चुकी है।

    जयललिता ने अपना वादा याद रखा। चुनाव में जीत के बाद उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंटिनरी ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में 23 मई को छठी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ लेते ही मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब की 500 दुकानें बंद करने का आदेश पारित कर दिया। साथ ही बार व शराब की अन्य दुकानों के खुलने का समय भी दो घंटे घटा दिया।

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    तमिलनाडु में पूर्ण शराबबंदी की दिशा में जयललिता का यह पहला कदम था। जयललिता पर किताब लिखने वाली राजनीतिक विश्लेषक वासंती के अनुसार 'यह बेहद स्मार्ट कदम था, जिसे उन्होंने बखूबी उठाया।

    बहरहाल, सत्ता में आने के बाद जयललिता शराबबंदी की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगी थीं। लेकिन, अाने वाला मुख्यमंत्री इस नीति पर कितना चल पाता है, यह देखना होगा।